जगदलपुर: तीन दशकों से प्रदेश और बस्तर के लिए सर दर्द बना माओवाद संगठन अब धीरे धीरे कमजोर होता जा रहा है। 24 साल के संघर्ष में अब सफलतायें भी जवानों को लगातार मिल रही हैं। माओवादियों के कब्जे वाले कई इलाकों को भी मुक्त किया जा रहा है। यही कारण है कि माओवादियों के बड़े लीडर या तो मुठभेड़ में मारे जा रहे हैं या फिर आत्म समर्पण कर रहे हैं।
वहीं सुरक्षा बलों के बढ़ते दबाव के चलते ही संभाग के दो जिले अब नक्सल मुक्त हो गए हैं। बस्तर आई जी सुन्दर राज पी ने जानकारी देते हुए बताया कि सरकार द्वारा किये जा रहे अंदरूनी इलाकों में विकास कार्यों और सुरक्षा बलों द्वारा चलाये जा रहे नक्सल ऑपरेशन से दोनो जिलों में काफी हद तक घटनाएं कम हुई हैं। और बस्तर-कोंडागांव में सक्रिय माओवादी काफी हद तक खत्म हो चुके हैं।
उन्होंने बताया कि दोनों जिलों के कई कमेटी भी ख़त्म हो चुकी हैं, जिसके कारण ही अब दोनों जिला नक्सल मुक्त हो गया है और संभाग के भी कई जिलों में चल रहे ऑपरेशन से आने वाले दिनों में कई जिले भी नक्सल मुक्त किये जाएंगे।
बता दें कि इधर पुलिस मुख्यालय में भी आज नक्सल मामलों को लेकर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, गृह मंत्री विजय शर्मा अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं। मुख्यमंत्री को PHQ में गॉड ऑफ ऑनर दिया गया। पुलिस, गृह विभाग और सुरक्षा बलों के अफसर के साथ बैठक शुरू है।
गौरतलब है कि देश के केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ को नक्सल मुक्त करने का दावा किया है, इस दिशा में केंद्रीय और जिला बलों द्वारा पूरी तरह से प्रयास किए जा रहे हैं, जिसके परिणाम भी दिखने लगे हैं।