दुर्ग। पुलिस ने ऑनलाइन सट्टे के खेल में बड़ा भंडाफोड़ किया है। किराये पर बैंक अकाउंट खोला जाता था। जिसके नाम पर अकाउंट खुलता था, उसे खबर भी नहीं होती थी। इस मामले में पुलिस ने एक आरोपी को पड़ा है, जबकि दो फरार हैं। यस बैंक के सुपेला ब्रांच की भी जांच की जा रही है।
दुर्ग एसएसपी बद्रीनारायण मीणा के निर्देशन में ऑनलाइन सटोरियों के खिलाफ पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। इसी कड़ी में लोगों की जानकारी के बिना खाता खोलने और उससे लेनदेन करने का भंडाफोड़ हुआ है। एएसपी संजय ध्रुव ने बताया कि 13 अप्रैल को हरिकांत द्विवेदी नाम के एक व्यक्ति ने पुलिस को बताया कि उन्हें ई-मेल के जरिए पता चला है कि उनके यश बैंक सुपेला ब्रांच के खाते में बड़ी रकम जमा हुई है। उसने बैंक में जाकर अपना अकाउंट बंद करने की अर्जी दी तो उल्टे बैंक के कुछ कर्मचारियों ने पिटाई कर दी। द्विवेदी ने यह भी बताया कि उसके एक परिचित साहिल महिलांग के जिद करने पर केवाईसी उपलब्ध कराया था। ज्यादा पैसा आने की जब सूचना मिली, तब उसे शक हुआ। इस पर पुलिस ने अपराध दर्ज की जांच शुरू की।
एएसपी ध्रुव ने बताया कि जांच के दौरान यह बात सामने आई कि 13 अप्रैल को ही प्रार्थी की जानकारी के बगैर उसके अकाउंट में डला लगभग सारा पैसा 3.85 लाख रुपए चेक के जरिए आनन-फानन में निकाल लिया गया है, जबकि प्रार्थी ने ऐसे किसी चेक में दस्तखत नहीं किया था। बैंक में पता किया गया तो मनीष मिश्रा नाम के किसी व्यक्ति द्वारा चेक जमा करने और पैसे निकालने की सूचना मिली। मनीष मिश्रा को पकड़ कर पूछताछ की गई तो उसने फर्जी साइन के जरिए बैंक वालों की मदद से पैसे निकलना कुबूल किया। उससे सारे रकम भी बरामद किए गए। पूछताछ पर मनीष ने बताया की उसने और साहिल महिलांग ने मिलकर हनी गुप्ता नाम के व्यक्ति के लिए इसी बैंक में 15 से 20 अकाउंट खुलवाकर दिए हैं। प्रत्येक अकाउंट के लिए नया मोबाइल नंबर हनी गुप्ता देता था, जिसको अकाउंट ओपन करते समय डाला जाता था। इसी में ओटीपी सहित अन्य जानकारियां आती थी, फिर उस अकाउंट को ऑनलाइन कर अकाउंट का उपयोग ऑनलाइन सट्टे के लिए किया जाता था।