Raipur: बसा-बसाया घर उजाड़ने वाली दो महिलाओं को आयोग ने भेजा नारी निकेतन

Update: 2024-07-03 04:04 GMT

रायपुर raipur news। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में मंगलवार को 253वीं सुनवाई हुई. इस दौरान एक मामले में सुनवाई करते हुए डॉ. किरणमयी नायक ने कहा कि महिलाएं शादीशुदा पुरूष के साथ रहने से पहले हजार बार सोचे और उसकी पहली पत्नि को घर से निकलवाकर दूसरी पत्नी बनने का प्रयास ना करें और बसा-बसाया घर उजाड़ने का प्रयास ना करें. ऐसी महिलाओं को महिला आयोग Women's Commission सुधारने की दिशा में सक्त प्रयास करती है. यह कहते हुए उन्होंने दो महिलाओं को नारी निकेतन भेज दिया है.

State Women Commission दरअसल, राज्य महिला आयोग में सुनवाई में आवेदिका ने बताया कि उसके पति ने आवेदिका से बिना तलाक लिये दूसरी महिला को अपनी पत्नी बनाकर रखा है, जबकि दूसरी महिला ने भी अपने पति से तलाक नहीं लिया है. वर्तमान में दूसरी महिला के पास अपने रहने के लिए सुरक्षित स्थान नहीं था, इसलिए उसे नारी निकेतन सुरक्षा की दृष्टि से भेजा गया. दूसरी महिला के पति या उसके परिवार वालों के द्वारा आवेदन या शपथ पत्र दिये जाने पर ही उसे नारी निकेतन से वापस भेजा जा सकेगा. अनावेदक को समझाइश दिया गया कि वह आवेदिका से अपना व्यवहार सही रखे, अगर आवेदिका को कोई परेशानी हो तो वह पुलिस थाना में एफआईआर दर्ज करा सकेगी. Chhattisgarh

इसी तरह एक अन्य प्रकरण में भी दूसरी महिला आवेदिका के बसे- बसाये घर को उजाड़ने के लिए अवैध रूप से आवेदिका के पति के साथ रह रही थी और आवेदिका को घर से निकाल दिया है. दूसरी महिला ने भी यह स्वीकार किया है कि वह आवेदिका के पति के साथ अवैध रूप से रह रही है और विवाह नहीं किया है. अनावेदिका (दूसरी महिला) के पूर्व पति की मृत्यु हो चुकी है. सुरक्षा के दृष्टिकोण से उसे सुधरने का मौका देकर 2 माह के लिए नारी निकेतन रायपुर भेजे जाने का आदेश आयोग द्वारा दिया गया.

एक प्रकरण में सुनवाई के दौरान अनावेदक ने बताया कि आवेदिका पक्ष की शिकायत पर उसके विशब्द धारा 306 आईपीसी का अपराध थाना तेलीबांधा में लगा है जिसमें अनावेदक 36 दिन जेल में रहा है और रायपुर जिला सत्र न्यायालय में अगली सुनवाई है. अनावेदक के अधिवक्ता ने पुष्टि की कि अनावेदक के विरुसब्द कोर्ट में पेशी चल रही है. इस स्तर पर आवेदिका पक्ष को समझाइश दिया गया कि यह अधिवक्ता की मदद लेकर अनावेदक के खिलाफ न्यायालय में चल रहे प्रकरण की पैरवी उचित तरह से कराये. इस सलाह के बाद प्रकरण नस्तीबंद किया गया.

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