महासमुंद। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ी परब सम्मान निधि 2023 योजना का वर्चुअल शुभारम्भ किया। इसका लाभ प्रदेश के 61 विकासखण्डों के 06 हजार 111 ग्राम पंचायतों को मिलेगा। वहीं जिले के सभी 551 ग्राम पंचायतों में योजना लागू होगी। ज्ञात है कि प्रदेश के सांस्कृतिक पर्वों एवं परंपराओं को सहेजने के उद्देश्य से यह योजना लागू की गई है।
इसके तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत को 10-10 हजार रुपए की राशि दो किस्तों में प्रदाय की जाएगी। वर्चुअल शुभारम्भ कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को इसकी शुभकामनाएं देते हुए प्रदेश के पारम्परिक त्योहारों व पर्वों और सांस्कृतिक विरासतों को सहेजने की बात कही, साथ ही योजना के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। दोपहर 12.00 बजे से आयोजित वर्चुअल शुभारम्भ कार्यक्रम में कलेक्टर निलेशकुमार क्षीरसागर, जिला पंचायत सीईओ एस. आलोक एवं स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों ने जिला स्तर पर कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में हिस्सा लिया। उल्लेखनीय है कि प्रदेश के गैर-अनुसूचित ग्रामीण क्षेत्रों के तीज-त्यौहारों की संस्कृति एवं परम्पराओं को संरक्षित करने और इन त्यौहारों, उत्सवों का मूल स्वरूप में आगामी पीढ़ी को हस्तांतरण तथा सांस्कृतिक परंपराओं का अभिलेखन किया जाना है।
सामुदायिक क्षेत्रों के गांवों में स्थानीय उत्सवों, त्यौहारों, मेला-मड़ई का विशेष महत्व रहता है। ऐसे सभी उत्सवों, त्यौहारों, सांस्कृतिक परंपराओं को संरक्षित करने के उद्देश्य से प्रत्येक ग्राम पंचायत को राशि उपलब्ध करायी जाएगी। प्रत्येक ग्राम पंचायत को दो किश्तों में 10-10 हजार रूपए दिए जाएंगे। योजना के क्रियान्वयन के लिए ग्राम पंचायत स्तरीय शासी निकाय समिति का गठन किया जाएगा। इसमें सरपंच (अध्यक्ष), पुजारी, बैगा सदस्य, ग्राम के 02 बुजुर्ग सदस्य, ग्राम की दो महिला सदस्य, ग्राम कोटवार, पटेल सदस्य एवं ग्राम सचिव को शामिल किया गया है।