Chhattisgarh Congress में बड़े बदलाव की सुगबुगाहट तेज

Update: 2024-07-05 05:54 GMT

दीपक बैज दिल्ली Delhi में डेरा ड़ाले, दूसरा विकल्प इंद्रशाह मंडावी, नगरीय निकाय चुनाव Municipal body elections के पहले भी हो सकता है

बैज का पत्ता कट सकता है, फूलो देवी Phulo Devi का नाम तय

रायपुर raipur news । लोकसभा चुनाव Lok Sabha Elections के बाद छत्तीसगढ़ कांग्रेस में बड़े बदलाव की सुगबुगाहट तेज हो गई है. सियासी गलियारों में चर्चाएं हैं कि जल्द ही प्रदेश में क्कष्टष्ट चीफ का नया चेहरा देखने को मिल सकता है. सूत्रों के मुताबिक छत्तीसगढ़ कांग्रेस Chhattisgarh Congress में बदलाव की कवायद तेज हो गई है. दीपक बैज की जगह अब नए प्रदेश अध्यक्ष की खोज शुरू हो गई है, जिसमें फूलोदेवी नेताम का नाम तय है क्यूंकि सभी नेताओं ने भी इस नाम पर हामी भरी है मगर वही इंद्रशाह मंडावी का भी नाम सामने आ रहा है। लेकिन भूपेश बघेल की पहली पसंद फूलोदेवी नेताम है जिसे भूपेश बघेल अगला क्कष्टष्ट चीफ बना सकते है। नए प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष चुनने के लिए कमेटी का गठन भी हो चुका है। आपको बता दें कि दो तीन दिनों से दीपक बैज और मोहन मरकाम सहित छत्तीसगढ़ के बाकि बड़े वरिष्ठ कांग्रेसी नेता दिल्ली में डेरा डाले हुए है। फूलो देवी नेताम आज शाम ही दिल्ली से रायपुर लौटी है। वही अपने समर्थकों को नेताम ने बड़ी ही ख़ुशी से बताया है कि दिल्ली में किस-किस मुद्दे पर चर्चा हुई। अगर राजनितिक परिसर अगर सही रही तो फैसले बदले भी जा सकते है। कांग्रेस पार्टी में कब क्या हो जाए ये कुछ साफ़ तौर पर कहा नहीं जा सकता है। कांग्रेस में दो से चार दिनों में बड़ी घोषणाएं हो सकती है। कुछ भी अभी कह पाना संभव नहीं है। इस खबर के बाद राजनीतिक करवट बदल भी सकती है। विधानसभा चुनाव 2023 और लोकसभा चुनाव 2024 में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के बाद से ही राज्य में क्कष्टष्ट चीफ के बदलाव की खबरें सामने आ रही हैं।

सूत्रों के मुताबिक छत्तीसगढ़ कांग्रेस में बदलाव की कवायद तेज हो गई है। दीपक बैज को जल्द ही क्कष्टष्ट चीफ के पद से हटाया जा सकता है। छत्तीसगढ़ में नए प्रदेश अध्यक्ष की खोज के लिए एक कमेटी भी बन चुकी है. बताया जा रहा है कि पार्टी के बड़े नेताओं ने अपने संपर्कों से हर संभावनाओं पर चर्चा भी शुरू कर दी है. छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 और लोकसभा चुनाव 2024 दोनों ही चुनावों की कमान दीपक बैज के हाथों में थी. दोनों ही चुनाव के दौरान छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का खराब प्रदर्शन सामने आया. छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 में राज्य की 90 सीटों में से सिर्फ 35 सीटें ही कांग्रेस के खाते में आईं, जबकि 2018 में बड़ी बहुमत के साथ कांग्रेस ने राज्य में सरकार बनाई थी. वहीं, लोकसभा चुनाव 2024 में राज्य की 11 सीटों में से सिर्फ एक सीट पर कांग्रेस कब्जा कर पाई।

विधानसभा, लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की बड़ी हार विधानसभा, लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की बड़ी हार के बाद नेताओं की झीख सामने आ रही है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी में समीक्षा का दौर जारी है। विधानसभा के बाद लोकसभा में भी छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद अब पार्टी अब इसका कारण तलाशने में जुट गई है. दरअसल, पार्टी ये जानना जाहती है कि आखिर छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार की क्या वजह रही? पार्टी में गुटबाजी थी, या फिर सरकार से नाराजगी या फिर कांग्रेस के किस नेता ने पार्टी को कितना नुकसान पहुंचाया है. ये सब जानने के लिए पार्टी आलाकमान ने कर्नाटक के पूर्व सीएम वीरप्पा मोइली की अध्यक्षता में एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाई है. ये कमिटी छत्तीसगढ़ के नेताओं से चर्चा कर अपनी रिपोर्ट तैयार कर रही है. रिपोर्ट को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष को सौंपा जाना है. कांग्रेस सूत्रों की मानें तो फैक्ट फाइंडिंग समिति के सामने कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने खुलकर भड़ास निकाली है. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार जाने के बाद कांग्रेस के अंदर गुटबाजी और अंदरूनी कलह की खबरें आम हो चुकी है। लिहाजा, लोकसभा चुनाव की हार की समीक्षा करने पहुंची फ़ैक्त फाइंडिंग समिति के सामने कांग्रेस के नेताओं ने सत्ता और संगठन पर जमकर भड़ास निकाली. रायपुर लोकसभा समेत सभी हारी हुई सीट पर भितरघात की प्रत्याशियों ने शिकायत की. नेताओं ने सरकार में कार्यकर्ताओं की उपेक्षा की भी शिकायत की. हालांकि, इस पर कांग्रेस की ओर से सफाई देते हुए कांग्रेस महासचिव मलकीत सिंह गैदू ने कहा कि परिवार है, शिकायतें तो रहेंगी ही. सूत्रों के मुताबिक फैक्ट फाइंडिंग समिति के सामने नेताओं ने शिकायत की कि भूपेश सरकार में कार्यकर्ताओं को तवज्जो नहीं दी गई और सरकार एक सिंडिकेट की तरह चलाई गई. बताया जाता है कि बिलासपुर के एक नेता ने तो यहां तक कहा कि रायपुर जेल में जाकर देखिए, सरकार में किसकी चलती थी. लोकसभा चुनाव में एक जिले से तीन प्रत्याशी बना दिया, जबकि स्थानीय को मौका मिलता, तो रिजल्ट बेहतर आते. उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं के जमीन पर मेहनत से सरकार बनी थी, पर सरकार आने पर उसे ही किनारे कर दिया गया. फैक्ट फाइंडिंग समिति के सामने नेताओं की कथित शिकायत पर भाजपा ने चुटकी ली. बीजेपी प्रवक्ता राजीव चक्रवर्ती ने कांग्रेस की अंदरूनी कलह पर बीजेपी का कहना है कि ये कांग्रेस जब सत्ता में रहती है, तब कार्यकर्ता को भूल जाती गई. इसलिए सिर फुटव्वल तो होगा ही. इस बीच नेताओं का ये भी कहना है कि प्रदेश के नेताओं ने तो फैक्ट फाइंडिंग समिति के सामने हार के कारण तो बता रहे हैं, लेकिन कांग्रेस नेताओं के मन में सवाल तो ये है, क्या उनकी शिकायत पर कोई अमल होगा या सिफऱ् खानापूर्ति रहेगी।

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