बस्तर। कोंडागांव में दिलचस्प तस्वीर देखने को मिली। यहां गिरोला की एक युवती दीपिका दीवान शादी की रस्में छोड़कर वोट डालने पहुंची। इस दौरान पूरा परिवार भी साथ था। दीपिका का कहना है कि वोट डालना सभी का अधिकार है। महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए सरकार बनाना है तो पहले मतदान करना होगा।
वही नारायणपुर जिले के छोटे डोंगर गांव में ग्रामीण समय से पहले अपने घरों से मतदान के लिए पोलिंग बूथ पहुंच गए थे। टाइम हुआ तो गेट खुलते ही लोगों ने वोट डालने के लिए दौड़ लगा दी।
बस्तर लोकसभा सीट के गुटूररास इलाके के ग्रामीण 3 किमी पैदल चलकर पहाड़ी पार कर वोट देने मिरीवाड़ा पहुंचे। ग्रामीणों का कहना है कि वोट देने से गांव में विकास होगा। गांव तक पानी और सड़क की सुविधा पहुंचेगी। विकास की उम्मीद से सालों-साल से मतदान कर रहे हैं, लेकिन विकास अब तक दूर है।
बता दें कि मतदान के लिए 1961 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं। इन मतदान केंद्रों में से 159 नो नेटवर्क जोन में है। इनमें से 90 केंद्रों में सूचना देने के लिए वॉकी-टॉकी की व्यवस्था की है। जबकि 69 अंदरूनी मतदान केंद्रों में रनर की मदद से सूचनाएं भेजी जाएंगी। सुरक्षा-व्यवस्था के लिए 80 हजार जवानों की तैनाती की गई है। इनमें 35 हजार जवान सेंट्रल फोर्स के हैं।