सबसे बड़ी चोरी के तार 200 करोड़ रुपये की वसूली से जुड़े, जानें पूरा मामला
नोएडा में हुई सबसे बड़ी चोरी के मामले में रोजाना नए खुलासे हो रहे हैं
नोएडा में हुई सबसे बड़ी चोरी के मामले में रोजाना नए खुलासे हो रहे हैं। इस चोरी के तार अब 200 करोड़ की वसूली से जुड़ने लगे हैं। यह वसूली निकटवर्ती राज्य की एक बड़ी कंपनी को ब्लैकमेल करके की गई थी। वसूली का यह प्रकरण तीन साल पहले का है।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस मामले की जांच में ऐसी जानकारी मिल रही है कि 36 किलो सोना और छह करोड़ से अधिक का यह कैश, जो अगस्त 2020 में ग्रेटर नोएडा की सिल्वर सिटी-2 सोसाइटी से चुराया गया था, वह इस वसूली का ही हिस्सा है। इसके लिए उक्त कंपनी के अधिकारियों से भी पुलिस पूछताछ कर पूरी जानकारी जुटाने में लगी है। कंपनी के अधिकारियों से कई अहम जानकारियां पुलिस को मिली हैं। इसके लिए आवश्यक साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि वसूली में शामिल रहे लोगों को उन्होंने चिह्नित कर रखा है और पूरे देश से भी उनके संबंध में साक्ष्य एकत्र किए जा रहे हैं। उनका पूरा आपराधिक रिकॉर्ड और उनके द्वारा अंजाम दिए गए अन्य मामलों के संबंध में पुलिस पूरा डाटा एकत्र कर रही है। ये संदिग्ध आरोपी पुलिस जांच शुरू होते ही भूमिगत हो चुके हैं। हालांकि, पूरे साक्ष्य हासिल करने तक पुलिस 200 करोड़ की वसूली में शामिल ठगों और कंपनी के नाम को सार्वजनिक करने से बच रही है।
पुलिस की मानें तो यह वसूली वर्ष 2019 में हुई थी और यदि उसी वर्ष सोने में निवेश किया गया होगा तो उस समय सोने की एक ईंट की कीमत करीब 32 लाख रुपये थी जो अब 50 लाख रुपये की है। यानि तीन साल में सोने की एक ईंट पर करीब 18 लाख रुपये बढ़ चुके हैं।
सोना उपलब्ध कराने वाले सर्राफ की भी तलाश
सर्राफा कारोबारियों की भाषा में सोने की ईंट को ब्रेड कहा जाता है। पुलिस अब उस सर्राफ को भी तलाश रही है जिसने वसूली करने वाले शख्स को इतने बड़े पैमाने पर सोना उपलब्ध कराया। पुलिस की मानें तो यह सोना यदि कोई एक नंबर में खरीद है तो उसे खाते में पैसा आरटीजीएस करना होता है और उसके बाद बिल काटकर उसे यह उपलब्ध कराया जाता, लेकिन ब्लैक मनी लेने के बाद भी अनेक लोग सोना बिना बिल के उपलब्ध कराते हैं।
दिल्ली के चांदनी चौक में छानबीन
पुलिस की मानें तो दिल्ली में चांदनी चौक का बाजार ऐसा है, जहां पर एक साथ सोने की ईंट बड़े पैमाने पर ली जा सकती हैं। इनको उपलब्ध कराने वाले की जानकारी हासिल करने के लिए पुलिस की एक टीम दिल्ली के सर्राफा बाजार में भी सुराग तलाश रही है। सर्राफा कारोबारियों के अनुसार सोने की एक छोटी सी ब्रेड वर्तमान में करीब 50 लाख रुपये की है और उसे कहीं पर भी छिपा सकते हैं और वह बिना बिल के आसानी से उपलब्ध भी हो जाती है।
नोएडा या अन्य शहरों में छिपा हो सकता है पैसा
ग्रेटर नोएडा की सोसाइटी में लग्जरी फ्लैट सिर्फ कैश और सोने को छिपाने के लिए ही लिया गया था। इसे फर्जी नाम से किराये पर लिया गया और इस फ्लैट में बहुत कम लोगों का ही आना-जाना था। गौतमबुद्ध नगर पुलिस अधिकारियों का मानना है कि इस फ्लैट में वसूली का चौथाई हिस्सा भी नहीं रखा था। अभी नोएडा या अन्य शहरों में भी ऐसे कुछ और ठिकाने हो सकते हैं, जहां पर वसूली का और पैसा रखा गया हो, जिसके संबंध में पुलिस जानकारी जुटाने में लगी है।