नाबालिग दुष्कर्म पीडि़ता के पिता का आरोप - आरोपी को संरक्षण दे रही पुलिस...

Update: 2022-05-18 05:50 GMT
  • नाबालिग दुष्कर्म पीडि़ता न्याय के लिए दर-दर भटक रही
  • पीडि़त परिवार ने शासन-प्रशासन तक अपनी पीड़ा पहुंचाने मीडिया से मांगी मदद

रायपुर (जसेरि)। पुलिस के चाल चरित्र पर आज तक दुष्कर्म पीडि़तों ने विश्वास ही नहीं जता पाई। खासकर दुष्कर्म की शिकार हुई नाबालिगों को दुत्कार कर फटकार कर थाने से ही चलता कर दिया जाता है। सीएम भूपेश बघेल और डीजीपी-आईजी ने पुलिस प्रशासन को स्पष्ट निर्देश दिए है कि दुष्कर्म के मामले में कोई कोताही नहीं बरती जाए । उसके बाद भी नाबालिग दुष्कर्म पीडि़ता न्याय के लिए दर-दर भटक रही है। आरोपियों के खिलाफ दर्ज रिपोर्ट में हेराफेरी कर आरोपियों को बचाने का आरोप नाबालिग दुष्कर्म पीडि़ता ने लगाई है। दुष्कर्म के तीनों आरोपियों में एक नाबालिग आरोपी को गिरफ्तार बाल संरक्षण गृह भेजा और दोनों को जेल भेजा गया। नाबालिग आरोपी के आरोप पत्र में बचपन का फोटो चस्पा किया गया वहीं उसके उम्र का कोई उल्लेख जानबूझ कर नहीं किया गया। जिसके चलते वह बाल संरक्षण गृह से आसानी से जमानत लेने में सफल हो गया। जमानत के बाद वह लगातार पीडि़ता और पीडि़ता के परिवार को चाकू-हथियार लेकर घर पहुंच कर रिपोर्ट वापस लेने धमकाता है और दबाव बनाने के लिए रोज घर में आकर उपद्रव करता है। किसी भी दिन बड़े वारदात को नाबालिग आरोपी अंजाम दे सकता है। राजधानी के डीडी नगर थाना इलाके में जनवरी महीने में एक नाबालिग के साथ 3 लोगों ने मिलकर कथित रूप से सामूहिक दुष्कर्म किया था। इस मामले में पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया था जिसमें एक आरोपी नाबालिग है। पीडि़ता के परिजनों ने आरोप लगाया कि आरोपियों की गिरफ्तारी के 2 महीने बाद पुलिस द्वारा पेश किए गए चालान में लापरवाही के चलते कोर्ट से नाबालिग आरोपी को जमानत दे दी गई। अब उसी नाबालिग आरोपी द्वारा पीडि़ता और उसकी बहनों को जान से मारने की धमकी दी जा रही है। इस मामले की शिकायत करने पीडि़ता और उसके पिता थाने का चक्कर लगाते हुए परेशान हो गए।

पुलिस ना तो पीडि़ता की कोई बात सुन रही है और ना ही आरोपी के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई कर रही है। जिससे हताश होकर पीडि़ता और उसके पिता ने जनता से रिश्ता के दफ्तर में आकर अपनी परेशानियों को साझा किया। नाबालिग पीडि़ता ने जनता से रिश्ता से अपनी आपबीती रोते हुए बताई कि हमारा जीना मुश्किल हो गया है। नाबालिग आरोपी की धमकी से परेशान और हताश है। पुलिस फरियाद सुनने के लिए तैयार नहीं है। ऐसे हम सहपरिवार जनता से रिश्ता प्रेस से मदद करने की अपील कर रहे है। लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के माध्यम से शासन-प्रशासन तक अपनी बात पहुंचाना चाहती है। पीडि़ता ने जनता से रिश्ता को आपबीती बताते हुए कहा कि पुलिस कार्रवाई के नाम पर सिर्फ पीडि़तों और फरियादियों से चक्कर कटवा रही है। लापरवाही या बड़ा गोलमाल सामूहिक दुष्कर्म मामले में डीडी नगर थाना पुलिस ने कोर्ट चालान पेश करने के दौरान नाबालिग आरोपी के नाम पर उम्र और पता दोनों का ही उल्लेख नहीं लिखा गया और हद तो और हो कि आरोपी को बचाने के लिए उसके बालपन की तस्वीर लगाई गई। इस मामले में पीडि़ता के परिजनों ने पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई का भी विरोध किया है। वही दूसरी तरफ नाबालिग के एफआईआर में नाबालिग आरोपी का उम्र और उसका पता नहीं लिखा गया जिसकी वजह से उसे जमानत भी मिल गई। अब वही आरोपी नाबालिग के घर में घुसकर उसे जान से मारने की धमकी दे रहा है उसकी बहन को और उसके परिजनों को भी जान से मारने की धमकी दे रहा है। पीडि़ता ने कहा कि दुष्कर्म के बाद पूरा परिवार मानसिक तनाव में जी रहा है। हमें न्याय नहीं मिला तो हम जल्द ही सीएम, गृहमंत्री, डीजीपी, आईजी, एसएसपी के समक्ष पूरा परिवार खड़े होकर न्याय की गुहार लगायेेंगे। दुष्कर्म के बाद भी आरोपियों के हौसले इतने बुलंद है कि पीडि़ता के पूरे परिवार को धमकी-चमकी देकर जान से मारने की धमकी दे रहा है और पुलिस है कि पीडि़तों के बजाय मुजरिमों की मदद कर रही है। प्रदेश में कानून व्यवस्था के नाम पर पुलिस राज चल रहा है जहां न्याय मिलने की जगह पीडि़तों को सजा मिल रही है। डीडी नगर थाना क्षेत्र वैसे भी अपराधियों का गढ़ है जहां सट्टा-जुआ चलता है, अवैध शराब, गांजा खुलेआम बिकता है। पुलिस छुटभैया गुर्गे को पकड़ कर मुख्य सरगना को जानते हुए भी उसे पकडऩे में कोताही बरतती है। डीडीनगर के लोगों ने शिकायत की है कि डीडी नगर थाने में ऐसे बहुत से मामले है जिस पर पुलिस ने आज तक कार्रवाई नहीं की है। राजनीतिक दबाव और पैसे वालों की इस थाने में तूती बोलती है। उनके कहने के अनुसार ही वहां का स्टाफ काम करती है।   

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