बिलासपुर bilaspur news। हाईकोर्ट ने 18 वर्षीय युवती को जलाकर मार डालने के आरोप में दी गई आजीवन कारावास की सजा life sentence में राहत देने की अपील खारिज करते हुए ट्रायल कोर्ट में दी गई आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा है। अभियोजन के मुताबिक बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के मल्दी गांव में 16 अगस्त की देर रात को अभियुक्त अजय वर्मा ने गंगा यादव (18 वर्ष) को सामुदायिक भवन में मिलने के लिए बुलाया।
chhattisgarh news उसने युवती पर मिट्टी तेल छिड़ककर आग लगा दी। उसे 96 प्रतिशत जली अवस्था में रायपुर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। 20 सितंबर 2020 को उसकी मृत्यु हो गई। घटना के दो दिन बाद 18 अगस्त 2020 को गंगा यादव ने मजिस्ट्रेट के सामने बयान दिया जिसमें बताया कि अजय वर्मा ने उसे जलाया है। chhattisgarh
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश भाटापारा ने सुनवाई के बाद अजय वर्मा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इस सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करते हुए अभियुक्त ने कहा कि उसके विरुद्ध पीड़िता के मृत्युपूर्व बयान के अतिरिक्त कोई साक्ष्य नहीं है। हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने कहा कि कोई विशेष परिस्थिति न हो तो मृत्यु पूर्व बयान को अविश्वसनीय नहीं माना जा सकता। अपराध में संलिप्तता तय करने के लिए यह महत्वपूर्ण पक्ष है। हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट की सजा को सही ठहराया। इसी मामले में सह-अभियुक्त अमनचंद रौतिया को साक्ष्य मिटाने के आरोप में 3 साल की सजा सुनाई गई थी। उसकी सजा भी हाईकोर्ट ने बरकरार रखी।