मुक्तिधामों में शवों की कतार खत्म करने विद्युत शवदाहगृह शुरू करने होगा टेंडर
स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव के पत्र पर मंत्री डहरिया ने उठाया कदम
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। कोविड 19 महामारी के कारण मुक्तिधाम में शवों की कतार लग गई है, अंतिम संस्कार के लिए दो-तीन दिन तक इंतजार करना पड़ रहा है, ऐसी स्थिति से निपटने के लिए स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव की कवायद पर अब राज्य सरकार रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, कोरबा, भिलाई और रिसाली नगर निगम में विद्युत शवदाहगृह स्थापित करने जा रही है। कोरोना से हो रही मौतों से अंतिम संस्कार करने में आ रही समस्या को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ शिवकुमार डहरिया को पत्र लिखा था. इसमें समस्या से अवगत कराते हुए नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा रायपुर, बिलासपुर, कोरबा और भिलाई और दुर्ग, रिसाली नगर निगम आयुक्त को इस संबंध में अल्पकालीन निविदा जारी करने कहा था। नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ शिवकुमार डहरिया ने मुक्तिधामों में मौत के बाद शव जलाने में लम्बा इंतजार और लोगों को आ रही कठिनाइयों को गंभीरता से लिया है। उन्होंने रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, कोरबा, भिलाई और रिसाली नगर निगम में विद्युत शवदाहगृह स्थापित करने आवश्यक निर्देश दिए हैं। नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा रायपुर, बिलासपुर, कोरबा और भिलाई और दुर्ग,रिसाली नगर निगम आयुक्त को इस संबंध में अल्पकालीन निविदा/ ईओआई जारी करने 7 दिवस की अनुमति प्रदान की गई है। रायपुर, बिलासपुर, भिलाई, कोरबा में विद्युत शवदाहगृह के लिए पूर्व में ही अनुमति दी जा चुकी थी जबकि रिसाली और दुर्ग के लिए अधोसंरचना मद से अलग अलग 47 लाख रुपए की स्वीकृति प्रदान की गई है। विभाग द्वारा आयुक्तों को शीघ्र ही विद्युत शवदाहगृह स्थापित करने की कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
नोडल अधिकारी एवं अपर कलेक्टरपदमिनी भोई ने बताया कि कांटेक्ट ट्रैसिंग के जरिए कोरो नावायरस के संक्रमण के फैलाव काफी हद तक रोका जा सकता है। संक्रमण के फैलाव को नियंत्रित करने में कांटेक्ट रेटिंग महत्वपूर्ण उपाय साबित हो सकता है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि कोरोना टेस्टिंग के समय अपना नाम, पता और मोबाइल नम्बर की सही जानकारी दी जाए। उन्होंने बताया कि कोरोना की सर्वाधिक आशंका, उन लोगों में होती है जो या तो संक्रमित व्यक्ति के साथ रह रहे हों या उसके आसपास हों। अर्थात उसके संपर्क में आने वाले सभी व्यक्तियों में संक्रमण के फैलाव की संभावना बहुत ज्यादा होती है। अपर कलेक्टर ने बताया कि कोरोना की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए कांटेक्ट ट्रेसिंग का कार्य काफी महत्वपूर्ण है। कांटेक्ट ट्रेसिंग के दौरान सही जानकारी देने से कोरोना के चेन को तोडऩे मे मदद मिलती है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग कोरोना टेस्ट के दौरान जानबूझकर अपना सही टेलिफोन नंबर और पता नहीं देते हैं, जो समाज के लिए भी खतरनाक है तथा आपदा की घड़ी में समस्याएं और विकराल रूप ले लेती है। उन्होंने कहा कि टेस्ट के दौरान अपना नाम पता और मोबाइल नंबर की सही जानकारी न देने पर पुलिस विभाग द्वारा कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने बताया की सही जानकारी ना देने वाले कुछ लोगों की सूची भी पुलिस को दी जाकर कार्यवाही के लिए कहा गया है। अपर कलेक्टर ने बताया कि कोरोना पाजिटिव आए लोगों से उनके संपर्क में आए कम से कम 20 लोंगो की कांटेक्ट हिस्ट्री ली जा रही है। कान्टेक्ट ट्रेसिंग के लिए सिविल लाइन के न्यू सर्किट हाउस में कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। कंट्रोल रूम में रात-दिन 24 घंटे अधिकारी-कर्मचारी ट्रेसिंग का कार्य कर रहे हैं।
लाशों को खुले में ही रखना पड़ रहा
तेजी से बढ़ रहे मौत के आंकड़ों ने प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल की व्यवस्था बिगाड़ दी है। दरअसल भीमराव अंबेडकर अस्पातल का मर्चुरी फुल हो गया है और अब खुले में ही लाशों को रखना पड़ रहा है। प्रदेश में पिछले 2 दिनों में 100 से अधिक कोरोना मरीजों की मौत हुई है। आंकड़ों पर नजर डालें तो 11 अप्रैल को प्रदेश में 123 मौत, 12 अप्रैल को 122 संक्रमितों की मौत। वहीं, राजधानी रायपुर में रोजाना औसतन 35 संक्रमितों की मौत हो गई है। अब आलम ये है कि अंबेडकर अस्पताल के मर्चुरी में डेडबॉडी को रखने की जगह नहीं बची है। लाशों को बाहर ही रखना पड़ रहा है। बता दें कि प्रदेश के कई शहरों में श्मशान घाटों में पहले ही चिताओं की ढेर लगी हुई है। लाशों को शेड से बाहर जलाना पड़ रहा है। आज 10521 नए कोरोना संक्रमित मरीज मिले। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी मेडिकल बुलेटिन के अनुसार बीते 24 घंटे में 5707 मरीज स्वस्थ हुए हैं। वहीं दूसरी ओर 122 मरीजों की उपचार के दौरान मौत हो गई। प्रदेश में अब तक 4899 कोरोना संक्रमित मरीज की मौत हो चुकी है।
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