तहसील के रीडर ने तालाब की जमीन पर किया कब्जा

Update: 2022-02-21 05:59 GMT

प्रबंध संपादक - पप्पू फरिश्ता 

  1. सरकारी कर्मचारी ने भू-माफिया को भी पीछे छोड़ा, खसरे को टुकड़े में बांट कर परिवारवालों के नाम चढ़ाया
  2. तहसील के रीडर ने तालाब की जमीन पर किया कब्जा
  3. शिकायतकर्ता ने जनता से रिश्ता को जिलाधीश से की गई शिकायत पत्र की कॉपी डाक के माध्यम से उपलब्ध कराई
  4. तहसील कार्यालय में वर्षों से पदस्थ रसूखदार रीडर का कारनामा
  5. राजधानी में भू-माफिया के तर्ज पर सरकारी जमीन पर सरकारी कर्मी ने कब्जा किया
  6. एसडीएम के रीडर पर तालाब की जमीन अपने परिवार वालों के नाम करने का आरोप
  7. रीडर ने अपने पद का दुरूपयोग कर नाबालिग बच्चों के नाम डायर्वसन कराया
  8. जनता से रिश्ता ने पहले भी राजधानी के चर्चित बिल्डर के कचना, धमतरी रोड, शंकर नगर, टाटीबंध, कबीर नगर तेलीबांधा, छेरीखेड़ी में किए अवैध कब्जों का खुलासा कर चुका है।

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। राजधानी में जमीन माफिया तो सरकारी जमीन पर कब्जा करते है और करवाते है, लेकिन यहां एक मामला आया है जिसमें कुशालपुर खो-खो तालाब की सरकारी जमीन पर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के रीडर महेंद्र सिंह ठाकुर ने अपने राजनीतिक पहुंच और अधिकारियों से सांठगांठ कर निजी लाभ के लिए अपने परिवार के बालिग और नाबालिग बच्चों के नाम से फर्जी तरीके से डायवर्सन कराया है जिसकी शिकायत अभिषेक सिंह पंडरी निवासी ने मय दस्तावेज के मिड-डे अखबार लजनता से रिश्ता को प्रेषित किया है।

शिकायतकर्ता अभिषेक ने बताया कि रायपुर प.ह.न. 62 रा.नि.मं. स्थित जमीन जो वर्तमान में खो-खो तालाब है, उक्त जमीन को अनुविबागीय अधिकारी राजस्व रायपुर के रीडर महेंद्र सिंह ठाकुर ने अपने निजी लाभ के लिए अपने रिश्तेदारों एवं अपने परिावर के नाम पर फर्जी तरीके से डायवर्सन कर गैर कानूनी तरीके से तालाब पर अतिकरमण कर तालाब के अस्तित्व को समाप्त किया है। महेंद्र सिंह वल्दारा खो-खो तालाब की 8 हिस्सों का फर्जी तरीके से डायवर्सन किया है। जिसका विवरण इस प्रकार है- 1- खसरा क्रमांक 1158/307 रकबा 0.021 हे. भूमिस्वामी नाबालिग अनुज सिंह पिता महेंद्र सिंह ठाकुर (रीडर डायवर्सन अविअरा) रायपुर । 2- खसरा क्रमांक 1158/308 रकबा 0.021 हे. भूमिस्वामी नाबालिग अंजना ठाकुर पिता महेंद्र सिंह ठाकुर (रीडर डायवर्सन अविअरा) रायपुर। 3-खसरा क्रमांक 1158/304 रकबा 0.021 हे. भूमिस्वामी शिखा ठाकुर। 4- खसरा क्रमांक 1158/303 रकबा 0.021 हे. भूमिस्वामी निधी ठाकुर। 5-खसरा क्रमांक 1158/302 रकबा 0.042 हे. भूमिस्वामी करण सिंह ठाकुर। 6-खसरा क्रमांक 1158/305 रकबा 0.042 हे. भूमिस्वामी मनोज सिंह ठाकुर। 7- खसरा क्रमांक 1158/306 रकबा 0.021 हे. भूमिस्वामी संतोषी ठाकुर आत्मज चेतन सिंह ठाकुर। 8-खसरा क्रमांक 1158/260 रकबा 0.058 हे. भूमिस्वामी मोहन सिंह ठाकुर के नाम डायवर्सन कराया है। पहन 62 रानिम रायपुर स्थित भूमि जिस पर विगत कई वर्षों से को-खो तालाब स्थित है जिसे प्रारंभ से ही सार्वजनिक निस्तारी के लिए उपयोग किया जाता है। वर्तमान में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व रापुर के रीडर महेंद्र सिंह ठाकुर के व्दारा अपने लाभ के लिए तालाब पर अतिक्रमण करते हुए तालाब को पाटना शुरू कर दिया है। अपने परिावर वालों के नाम पर गैर कानूनी तरीके से फर्जी डायवर्शन जो अपराध कृत्य श्रेणी में है, महेंद्र सिंह के कृत्यों से आम जनता को असुविधा एवं शासन-प्रशासन को राजस्व की हानि पहुंचा रहे है। उपरोक्त डायवर्सन प्रकरणों में खो-खो तालाब की भूमि का फर्जी डायवर्सन किया गया है, लैंड यूज नक्शा में उपरोक्त भूमियों की स्थिति को गलत जगह दर्शा कर फर्जी डायवर्सन कराया गया है। महेंद्र सिंह ठाकुर के परिवार की उपरोक्त भूमि का लैंड यूज प्रस्ताव में जलाशय है, परंतु महांद्र सिंह ठाकुर व्दारा राजस्व कर्मचारियों, पटवारियों, आरआी एवं तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी राजस्व हरबंस सिंह मिरी के साथ सांठगांठ कर तालाब की भूमि का फर्जी डायवर्सन किया गया जो नियम विरूद्ध है। महेंद्र सिंह ठाकुर वर्ष 2008 से तहसील कार्यालय रायपुर में पदस्थ है, तथा अपनी राजनीतिक पहुंच और रसूख का दुरूपयोग करते हुए विगत कई वर्षों से तरहसील कार्यालय में पदस्थ होने का नाजायज फायदा उठाते हुए खो-खो तालाब की सरकारी जमीन पर फर्जी तरीके से डायवर्सन राजस्व अधिकारी और कर्मचारियों से सांठगांठ कर तालाब के आसपास रहने वालों का भयादोहन कर रहे है। शिकायतकर्ता अभिषेक सिंह ने जहां भूपेश सरकार नवरा-गरवा-घुरवा-बाड़ी को समृद्ध करने की योजना से प्रदेश में नया इतिहास लिख रही है, वहीं सरकारी कर्मचारी भू-माफिया बनकर सरकारी जमीन वो भी तालाब की जमीन पर कब्जा कर लिया है। नदी-तालाब को लेकर केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने नदी-तालाब के आसपास रिहायशी जमीन के लिए गाइड लाइन बनाए है उसका भी उल्लंघन रीडर महेंद्र सिंह ठाकुर ने किया है। अभिषेक सिंह ने शासन-प्रशासन से मांग की है कि खो-खो तालाब रायपुर की अतिक्रमित भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कर तालाब के अस्तित्व को बनाए रखने के लिए पूरे मामले की जांच कर संबंधित दोषी रीडर महेंद्र सिंह पर कानूनी कार्रवाई करें और सातों फर्जी जमीन का डायवर्शन निरस्त कर तालाब के आसपास की जमीन को सुरक्षित करने घेराबंदी कराए। सरकारी कर्मचारी होते हुए महेंद्र सिंह ठाकुर ने नियम-कानून की धज्जियों उड़ाकर तालाब की जमीन पर कब्जा कर फर्जी डायवर्सन कराना शासकीय कदाचरण की श्रेणी में आता है।

सरकारी जमीन दबा रहे बिल्डर

राजधानी में बिल्डरों ने आउटर की सरकारी और घास भूमि के साथ कोटवारी जमीन को निशाना बनाया है। कुम्हारी टोल प्लाजा से लेकर नवा रायपुर, वीआईपी रोड, अभनपुर, बलौदाबाजार रोड, खरोरा, वहीं बिलासपुर रोड धरसीवां के आसपास के लगे गांवों में प्रोजेक्ट लांच करने के बहाने सरकारी जमीन पर धड़ाधड़ बेजा कब्जा कर रहे है। बिल्डरों का एक सूत्रीय अभियान गांव के निजी और सरकारी तालाब के आसपास की जमीन हथियाना है। ग्राम पंचायत से किसान की जमीन की खरीदी कर उससे लगे सरकारी घास और कोटवारी जमीन को अपने प्रोजेक्ट से जोडऩे की साजिश राजनीतिक सांठगांठ से चल रहा है।

सरकारी कर्मचारियों की सांठगांठ

राजधानी में सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के सांठगांठ के चलते पटवारी और राजस्व अधिकारी कूटरचना कर जमीन का खसरा नंबर और पटवारी हल्का नंबर को बदल कर तालाब और घास भूमि को अपने अधिकारियों के परिवारजनों के नाम से डायवर्सन करवा रहे है। इस तरह के मामले का फायदा उठाकर बिल्डर भी अधिकारियों और सरकारी कर्मियों को लालच देकर सरकारी जमीन पर कब्जा करने का खल खेल रहे है। राजस्व की हानि पहुंचाने के साथ भू-अभिलेख में भी गड़बड़ी और छेड़छाड़ की शिकायत लगातार किसान कर रहे है। जिसकी सुनवाई आज तक नहीं हो पाई है। किसान हलाकन और परेशान होकर आखिरकार अपनी जमीन बिल्डरों के हाथ बेचने को मजबूर है।

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