महासमुंद। पिथौरा थाना क्षेत्र के ग्राम अरंड और धनोरा के आठ मजदूरों को तमिलनाडु के एक गांव में बंधक बनाने की शिकायत पर कलेक्टर निलेश कुमार क्षीरसागर ने मंगलवार को एक टीम वहां रवाना की है। शिकायत में अरंड निवासी सुरेश कुमार ने बताया कि सभी बंधक युवक वहां एक उद्योग में कठिन परिस्थिति में दिन-रात काम रहे हैं। उन्हें पैसा, खाना और मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल रही है। उन्हें उद्योग कैंपस से बाहर नहीं जाने दिया जाता।
मिली जानकारी के अनुसार अरंड निवासी अजय ध्रुव(26), बसदेव ध्रुव (22), हुमन ध्रुव (18), सूरज ध्रुव (17) तथा धनोरा निवासी रितेश दीवान (16), तरुण ध्रुव (23), हेमंत ध्रुव (25) और हेमसिंग ध्रुव (18) को पिथौरा के एक किराना स्टोर्स संचालक ने 18 से 20 हजार रुपये महीना पारिश्रमिक दिलाने का झांसा देकर वहां भेजा था। आराधना क्राप्टस प्राइवेट लिमिटेड 180/1 ए, पेरियामपट्टी ग्राम नल्ली, पोस्ट सत्तुर, जिला विरूधुनगर (तमिलनाडु) में उन्हें काम पर रखा। यह शिकायत करीब सप्ताह भर पूर्व की गई थी।
वहां कार्य स्थल पर परेशानी की शिकायत युवकों ने स्वजनों से फोन पर की थी। उसके बाद पहली शिकायत 21 अप्रैल को पिथौरा थाने में की गई थी। शिकायत पर बताया गया कि उन्हें उद्योग मालिक द्वारा पैसा, भोजन, मूलभूत सुविधाएं नहीं दी जाती। उन्हें कंैपस से बाहर भी नहीं जाने दिया जाता।
आठ आदिवासी युवकों के तमिलनाडु के एक उद्योग में फंसे होने की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर नीलेश क्षीरसागर ने कलेक्टर विरूधुनगर (तमिलनाडु) और एसपी को पत्र लिखकर फंसे युवकों को वहां से छुड़ाकर उक्त उद्योग के विरुद्ध विधिक कार्रवाई करने का अनुरोध किया है।
साथ ही प्रशासन की एक टीम भी तामिलनाडु रवाना करने का आदेश जारी किया गया और मंगलवार शाम को टीम रवाना भी हो गई। टीम में श्रम विभाग के कल्याण निरीक्षक टीकमचंद चंद्राकर, ऑपरेटर विजय साहू, एएसआइ प्रकश चंद नागरची (पिथौरा) तथा आरक्षक परमेश्वर प्रजापति शामिल हैं। नायब तहसीलदार एवं कार्यपालिक दंडाधिकारी पिथौरा उमेश लहरी किन्हीं कारणों से टीम के साथ रवाना नहीं हो पाए।