महासमुंद। कलेक्टर विनय लंगेह ने आज वन विभाग के ट्रेनिंग हाल मे जिले के समस्त समिति प्रबंधक, केंद्र प्रभारी और सुपरवाइजर की बैठक लेकर आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि धान आवक से पहले ही नमी का टोकन कटे हुये किसानों के द्वारा लाये गये धान का फड़ में अंदर लाने के एवं गुणवत्ता परीक्षण कर लेवें। तत्पश्चात ही फड़ में धान अंदर करावे। किसी भी स्थिति में समितियों में 05 बजे के बाद धान की खरीदी ना हो।
फड में रखे रिजेक्टेड तथा अधिक नमी वाले धान को 05 बजे के पहले उठा लिया जावे ताकि उसी दिन स्टेकिंग कर लिया जावे। किसानों को जारी टोकन के आधार पर धान खरीदी हेतु उपार्जन केन्द्र में किसान उपस्थित होने उपरान्त ही किसानों को नया एवं पुराना बारदाना उपलब्ध कराया जाये। किसी भी स्थिति में किसानों को बारदाना खरीदी के पूर्व उपलब्ध नहीं कराया जाये। खरीदी केन्द्रों में सभी पंजी संधारित रखा जाये। टोकन रजिस्टर धान आवक रजिस्टर, बारदाना वितरण रजिस्टर, धान खरीदी रजिस्टर, तौल कांटा रजिस्टर स्टेक रजिस्टर, धान जावक रजिस्टर, निरीक्षण पंजी आदि।
कलेक्टर लंगेह ने कहा कि धान खरीदी केन्द्रों में धान के बोरों की किस्मवार तथा नये पुराने बारदाने में भर्ती के आधार पर स्टेकिंग की जाये। स्टेन्सील खरीदी केन्द्रों को उपलब्ध करावे गये नये बारदाने में समिति का नाम, पंजीयन नम्बर एवं धान की किस्म की छपाई अनिवार्य रुप से की जावे। धान के बोरो की सिलाई जूट रस्सी (सुतली) से करे। प्लास्टिक के रस्सी का उपयोग नहीं करना है। किसान से धान खरीदी करते समय किसान द्वारा खरीदी हेतु जारी कराये गये टोकन एवं उनके द्वारा प्रस्तुत ऋण पुस्तिका में दर्ज रकबे का मिलान कर लिया जाये।बचत रकबे का समर्पण किसान की सहमति लेकर किया जावे। सभी उपार्जन केन्द्र में औसत अच्छी गुणवत्त (FAQ) के धान के किस्सवार सैम्पल किसानों के अवलोकन हेतु अनिवार्य रुप से प्रदर्शित किया जावे। उपार्जन केन्द्र में नमी की जांच कर किसी भी स्थिति में 17 प्रतिशत से अधिक नमी का धान क्रय नहीं किया जावे। सी.सी.टी.वी. कैमरा सभी उपार्जन केन्द्रों में अनिवार्य रुप से सी.सी.टी.वी. कैमरा चालु स्थिति में लगा होना चाहिए। इलेक्ट्रानिक कांटा बाट इस वर्ष सभी उपार्जन केन्द्रों में धान खरीदी हेतु इलेक्ट्रानिक काटा-बाट का ही उपयोग किया जावे। विशेष परिस्थितियों में मैन्युअल काटे बाट का उपयोग अनुविभागीय अधिकारी (स.) के अनुमति से किया जावे। सुरक्षा के उपाय आकस्मिक वर्षा से बचने के लिये पर्याप्त मात्रा में डैनेज (प्लास्टिक बोरी,भूसा) के कैप कव्हर व्यवस्था हो साथ ही स्टेक के आस-पास नाली निर्माण कर लिया जावे। धान खरीदी केन्द्र में यदि किसी व्यक्ति द्वारा गांव की औसत उपज से अधिक मात्रा धान विक्रय हेतु टोकन जारी कराया जाता है तो तत्काल इसकी जांच करे कि क्या उस व्यक्ति के पास उपलब्ध धान किसी खरीफ मौसम में उत्पादित धान है।यदि ऐसा ना होकर अन्यत्र तरीकों से एकत्रित धान हो तो किसी भी स्थिति में उक्त धान का क्रय खरीदी केन्द्र में ना किया जाये। पंजीकृत किसानो की सूची सभी अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को ऐसे किसानों की सूची जिनके द्वारा विगत वर्ष में धान विक्रय नहीं किया गया था कि सूची उपलब्ध करायी गयी है। उक्त सूची धान खरीदी केन्द्रों में संधारित रखा जाये और ऐसे व्यक्ति के भूमि के विरुद्ध धान विक्रय हेतु किसी के द्वारा टोकन लिया जाता है तो तत्काल संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (रा.) को अवगत कराये तथा अनुविभागीय अधिकारी के द्वारा जांच निष्कर्ष अनुसार उस व्यक्ति से धान की खरीदी की जाये। कोचिया बिचोलिया पर नियंत्रण चिल्हर रुप से धान खरीदी करने वाले कोचियों/बिचौलियों के द्वारा समिति में धान लाकर अन्य किसानों के पंजीयन में खपाने का प्रयास किया जाता है। ऐसे व्यक्तियों से धान खरीदी ना कर इसकी सूचना संबंधित नोडल अधिकारी को तत्काल दी जाये। सीमावर्ती क्षेत्रो में स्थापित चेक पोस्ट से अन्य राज्य से आने वाले धान की निगरानी चेक पोस्ट पर तैनात दल द्वारा की जा रही है। अन्य राज्य से अवैध धान परिवहन की सूचना प्राप्त होने पर उक्त वाहन तथा धान जप्त करने की कार्यवाही अनिवार्य रुप से की जावे। किसानो के द्वारा लाये गये धान के किस्म का पर्याप्त परीक्षण कर एन्ट्री करें। पतले धान का निराकरण में समस्या होती है। धान के स्टेकिंग किस्मवार मोटा, पतला, सरना एवं नया पुराना बारदाना के आधार पर निर्धारित मापदंड में एकरुपता हो। बैठक मे अनुविभागीय अधिकारी श्री हरिशंकर पैकरा, खाद्य अधिकारी अजय यादव, डी ऍम ओ टिकेंद्र राठौर, नान आदि नारायण, नोडल अधिकारी आशीष शर्मा मौजूद थे।