बलरामपुर। स्वामी आत्मानंद हिंदी माध्यम स्कूल में छत्तीसगढ़ी महतारी के वंदन एवं राज्य गीत के साथ हरेली तिहार का स्वागत किया गया, साथ ही बच्चों को हरेली तिहार की परंपरा एवं महत्व से अवगत कराया गया. इस अवसर पर कलेक्टर ने कहा कि पूरे जिले में गौरव के साथ मनाया जाएगा हरेली तिहार।
छत्तीसगढ़ में हरेली पर्व का विशेष महत्व है। यह पर्व छत्तीसगढ़ी संस्कृति और परंपरा के साथ पर्यावरण के महत्व को भी दर्शाता है। इस दिन किसान कृषि कार्य में उपयोग किए जाने वाले उपकरणों और औजारों की सफाई कर उनकी पूजा अर्चना करते हैं। कृषक परिवारों में तरह-तरह के छत्तीसगढ़ी व्यंजन बनाए जाते हैं। प्रदेश में नई सरकार बनने के बाद से हरेली पर्व को लेकर प्रदेशवासियों में उत्साह और बढ़ गया है। इसका कारण यह है कि राज्य सरकार ने हरेली पर्व से लोगों के जुड़ाव को देखते हुए इस दिन अवकाश की घोषणा कर दी है, ताकि लोग पूरे आनंद के साथ इस पर्व को मना सके और सरकार की मंशा के अनुरूप ऐसा हो भी रहा है। अब हरेली पर्व पर गांव की गलियों और चौपाल से लेकर शहरी क्षेत्रों में भी लोग परंपरा के अनुरूप नारियल फेंक प्रतियोगिता गेड़ी चढ़ते देखे जा सकते हैं, वहीं महिलाएं सुआ, कर्मा, ददरिया, फुगड़ी करते दिखती हैं।
हरेली त्योहार को लेकर लोगों में उत्साह बढ़ने का एक और कारण यह है कि अब इस पर्व को प्रदेश के मुखिया श्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप बड़े स्तर पर मनाया जाने लगा है, जिसमें खुद मुख्यमंत्री और सरकार के मंत्री शामिल होते हैं।