सूरजपुर: परिजनों ने पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप, कहा- हत्या को दिया गया आतमहत्या का रूप, जानें पूरा मामला

Update: 2020-12-23 11:50 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | छत्तीसगढ़/ रायपुर: सूरजपुर जिले से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया जहा एक जवान बेटे को खोने के बाद कानून के रक्षक वालों से परिजन ने हत्या का संदेह बताकर कार्यवाही करने की गुहार लगाई, पुलिस जांच में तो जुटी लेकिन 1 माह से अधिक हो गई जिसके बाद भी आरोपी पुलिस के हाथ नहीं लग सका। थाना प्रभारी गोपाल धुर्वे ने कहा हर बिंदु पर बारीकी से जांच कर रहे हैं।

रामानुजनगर थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत महंगई में 18 नवंबर को मोटरसाइकिल दुर्घटना पर 22 वर्षीय युवक की मौके पर मौत हो गई थी जिसे मौके में पहुंची पुलिस भी दुर्घटना मान ली थी जबकि मृतक के पिता के साथ परिजन संदिग्ध अवस्था होने के कारण हत्या की आशंका जाहिर कर जांच करने की मांग किया। जिस मामले में कई शिकायत करने के बाद पुलिस मजबूर होकर जांच प्रक्रिया में लगी। जो 1 महीने से अधिक हो गई आज तक रामानुजनगर पुलिस ठोस सबूत नहीं हासिल कर सकी और ना ही घटना अंजाम देने वाला व्यक्ति हाथ लगी। जबकि मृतक के पिता द्वारा विभिन्न पुलिस आलाकमान में हत्या के संदेह जाहिर करते हुए 12 बिंदुओं में लिखित शिकायत की गई थी। पर आज तक संदेहियों के आधार पर आ रहे लोगों के घर तक जांच तक करने पुलिस नहीं पहुंच सकी है। कहा जाए तो केस को पर्दाफाश करने की बजाय खानापूर्ति करने में लगी है जिससे कानून व्यवस्था पर लोगों की विश्वास से उठने लगी है।
पुलिस और पीएम रिपोर्ट पर सवाल-
घटना अंजाम होने के बाद पुलिस के साथ मौजूदा अनेक लोगों की उपस्थिति में मृतक शव को प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार मृतक के पैर में जूता चप्पल नहीं था जिसकी तहकीकात करने पुलिस मृतक के 400 मीटर घर में शाम के समय दारू मुर्गे के साथ पार्टी की गई थी जहां तक जांच करने भी नहीं पहुंची और पुलिस रिकॉर्ड में दुर्घटना के कारण मृत्यु लिख दी गई साथ ही बाया जांग टूटी हुई और गुप्तांग सूजन थी जिसके बाद शरीर में किसी प्रकार चोट नहीं थी शाम 7:00 से 8:00 के बीच में पेट्रोल डलवाने जाने के बाद लोगों ने देखा युवक शराब पिया हुआ था जबकि पीएम रिपोर्ट 14 दिन बाद प्रस्तुत करने शराब का उल्लेख भी नहीं की गई केवल आंख के नीचे सिर में चोट लगने के कारण मृत्यु होना बताया है। पीएम करने वाले डॉक्टर से मामले की जानकारी पूछे जाने पर साफ तौर पर जानकारी देने से इंकार कर दिया।
घटना केस मामले को देखने वाले पुलिस पर सवाल-
जानकारी लेने मृतक के पिता थाने पहुंचे जहां विवेचक ने प्रथम बयान लेने पर मृतक के पिता ने घटनाक्रम पर संदेह जताते हुए मामले को विस्तारित कर बताया समुचित आपबीती सुनने के बाद विवेचक ने मुख्य बातें लिखकर स्वयं से इसमें और कोई शक नहीं है लिख दी जिस पर हस्ताक्षर करने को बोला जिसे इनकार करने पर कहा जल्दी से केस फाइल खत्म करनी है। थाना प्रभारी को मामले की जानकारी होने के बाद भी घटना की फाइल केस खत्म करने वाले पुलिस को जिम्मेदारी दी है। इसके साथ ही अन्य कई कारण हैं जिन पर पुलिस के कार्यों से कई सवाल है।
मामले से जुड़ी लोगों से पुलिस का नेगेटिव लगातार संपर्क-
अंधे कत्ल की केस सुनने वाले कानून के रक्षक ही मामला आरोपी पकड़ने के बजाय खत्म करने में लगे हैं। मामले से जुड़े लोगों से लगातार रामानुजनगर पुलिस संपर्क में है जिन्हें तरह-तरह के केस तत्काल खत्म करने के उपाय बता रहे हैं। मिली जानकारी अनुसार आपसी सांठगांठ करने के बाद बीते दिन थाना प्रभारी सहित अन्य पुलिस भी केस से जुड़ी लोगों को संपर्क कर आपस में समझौता कराने में लगे हैं जिसके लिए केस वापस करने की सलाह बता रहे हैं। ऐसे में कानून पर भरोसा कौन करेगा...?
भाजपा जिलाध्यक्ष सूरजपुर - बाबूलाल अग्रवाल
जिले में ऐसे कई केस लगातार 302 के तहत अपराध पंजीबद्ध है ऐसे मामले को तत्काल संज्ञान लेनी चाहिए पर सकारात्मक काम करने की बजाय पुलिस लीपापोती कर रही है पुलिस के कार्य प्रणाली बहुत ही संदेहआत्मक हो गई है जिससे लोगों का जन आंदोलन कभी भी भड़क सकती है पुलिस के प्रति लोगों का विश्वास टूट रही है।
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