सूरजपुर : जिला प्रशासन की सजगता से रुका एक नाबालिग बालिका का बाल विवाह

Update: 2021-06-24 17:09 GMT

कलेक्टर डाॅ. गौरव कुमार सिंह के निर्देश एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री चंद्रबेश सिंह सिसोदिया के मार्गदर्शन में जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल के नेतृत्व में संयुक्त टीम बाल विवाह रोकने में सक्रिय है। जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल को गांव की एक लड़की ने फोन किया और बताया कि जागरूकता कार्यक्रम हमारे स्कूल में हुआ था, तो आपका नंबर मुझे प्राप्त हुआ था। मेरे गांव में एक नाबालिग लड़की की शादी हो रही है, जिसका उम्र मात्र 17 वर्ष हुआ है, बालिका इस वर्ष 11वीं कक्षा में अध्ययनरत है उक्त शिकायत पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कुशमुशी को बालिका के उम्र सत्यापन हेतु कहा गया, जहां से उम्र सत्यापन करने पर पता चला कि बालिका का जन्म तिथि 7 मार्च 2004 था।

प्राप्त सूचना की जानकारी जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री चंद्रदेश सिंह सिसोदिया को दिया गया, जिला कार्यक्रम अधिकारी ने तत्काल कार्यवाही के निर्देश दिए जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल ने संयुक्त टीम को एकत्र किया और चैकी बसदई से पुलिस बल लेकर ग्राम कुशमुशी पहुंचे, जहां बालिका का मंडप लग चुका था, वैवाहिक कार्यक्रम सुचारू रूप से संचालित था। बात करने पर पता चला कि बालिका के कहने पर ही बालिका की शादी हो रही है। बालिका से बात करने पर बालिका ने बताया कि मैं यह शादी अपने मन से करा रही हूं इसमें किसी को क्या आपत्ति हो सकती है, मेरी मंडप गड चुकी है और यदि विवाह रोक दिया जाता है, तो मेरी बदनामी हो जाएगी। जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल ने बालिका एवं उसके पिता को विस्तृत समझाया कि यह कृत्य बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अंतर्गत अपराध है इसमें बालिका के सहमति का कोई अर्थ नहीं है, और यदि यह विवाह होता है तो बालिका के पिता, विवाह करने वाला दूल्हा, बराती, दूल्हा का पिता और सभी घराती आदि अपराधी होंगे। ग्राम पंचायत के सरपंच श्रीमती उर्मिला सिंह ने भी घरवालों को समझाइश दी तब जाकर घरवाले विवाह नहीं करने को राजी हुए। मौके पर बालिका एवं उसके पिता का कथन लिया गया एवं ग्रामीणों के समक्ष पंचनामा तैयार किया गया एवं विवाह को रुकवा दिया गया, घरवालों ने स्वेच्छा से मंडप को उखाड़ दिया ।

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