नई दिल्ली। अनवर ढेबर मामलें में सुप्रीम कोर्ट में कल पेशी होगी। आपको बता दें छत्तीसगढ़ में 2000 करोड़ शराब घोटाला को लेकर व्यवसायी अनवर ढेबर को ईडी ने गिरफ्तार किया था जिसके बाद अनवर ढेबर की लगातार रायपुर के जिला न्यायलय और दिल्ली के सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है। अब सूत्रों से ये जानकारी मिल रही है कि कल सुप्रीम कोर्ट में अनवर ढेबर के खिलाफ सुनवाई होगी। आपको बता दें कि ईडी ने अनवर ढेबर को शराब घोटाले में गिरफ्तार किया था जिसके बाद उनकी करोड़ों की संपत्ति भी ईडी ने अटैच कर ली है।
सुप्रीम कोर्ट में शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार अनवर ढेबर की अंतरिम जमानत याचिका तथा पीएमएलए की धारा 50 को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत याचिका में 29 मई की तारीख देते हुए कहा है कि वैकेशन जज इसकी ग्राह्यता पर सुनवाई करेंगे। वहीं अनवर ढेबर की मूल याचिका को 18 जुलाई को सुनवाई के लिए नियत किया गया है। इसी दिन इसी विषय ( पीएमएलए धारा 50 को चुनौती) पर अनिल टूटेजा की याचिका पर भी सुनवाई है। सुप्रीम कोर्ट ने अनवर ढेबर की याचिका को अनिल टूटेजा की याचिका के साथ क्लब कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट में अनवर ढेबर की याचिका पर सुनवाई हुई। अनवर ढेबर की ओर से सिद्धार्थ अग्रवाल और मुकुल रोहतगी ने पैरवी की। जबकि छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से कपिल सिब्बल ने तर्क दिया, जबकि ईडी की ओर से एसवी राजू ने सुप्रीम कोर्ट में पक्ष रखा। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एहसानुद्दीन अमनउल्ला ने सुनवाई की। याचिका में अनवर ढेबर की ओर से ईडी की कार्रवाई (गिरफ्तारी) को चुनौती दी गई और तर्क दिया कि ईडी जानती थी कि सुप्रीम कोर्ट में उनकी याचिका ( पीएमएलए धारा 50 को चुनौती) लंबित है, और उस याचिका से अनवर ढेबर को राहत मिल सकती है, इसलिए गिरफ्तार किया गया। छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से एडवोकेट कपिल सिब्बल ने ईडी की कार्रवाई को राजनीतिक प्रायोजित बताते हुए कहा कि, ईडी आगामी चुनाव को देखते हुए कार्रवाई कर रही है। कपिल सिब्बल ने कहा ईडी सीएम भूपेश का नाम लेने के लिए दबाव बना रही है। सिब्बल ने कोर्ट के सामने आबकारी विभाग के पचास अधिकारी कर्मचारियों का वह पत्र भी पेश किया जो कि सीएम भूपेश को सौंपा गया था। आबकारी विभाग के अधिकारियों ने यह पत्र सीएम भूपेश को सौंपा था जिसमें लिखा गया था कि ईडी सीएम भूपेश का नाम लेने के लिए दबाव बना रही है।
ये है पूरा मामला
शराब व्यवसायी अनवर ढेबर की तलाश ईडी को कई दिनों से थी। ईडी अनवर ढेबर को ECIR 1122 के तहत तलाश रही थी। ईडी को इस मामले में कार्रवाई का आधार आयकर विभाग से मिले इनपुट हैं। आयकर विभाग ने ये इनपुट उन छापों के बाद दिए थे जो कि अनवर ढेबर अनिल टूटेजा सौम्या चौरसिया समेत कई जगहों पर डाले गए थे। इस मामले में आयकर विभाग ने दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में परिवाद दायर किया था। तीस हजारी कोर्ट के मेट्रोपॉलेटिन मजिस्ट्रेट ने इस परिवाद को पूरी तरह नहीं स्वीकारा था, जिसके बाद आयकर विभाग अपील में हाईकोर्ट चला गया है।
रायपुर कोर्ट में बचाव पक्ष ने अनवर ढेबर की गिरफ्तारी का विरोध करते हुए तर्क दिया कि ईडी को गिरफ्तार करने की अधिकारिता नहीं है। इस पर ईडी ने रायपुर कोर्ट को विजय मदनलाल न्याय दृष्टांत दिया जिसमें ये उल्लेखित है कि यदि कहीं एफआईआर ना हो, लेकिन शिकायत मौजूद हो तो ईडी कार्रवाई कर सकती है। अनवर ढेबर की रिमांड मंजूर करते हुए स्पेशल कोर्ट ने न्याय दृष्टांत का उल्लेख करते हुए कहा है कि परमवीर सिंह सैनी बनाम बलजीत सिंह मामले में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों का अक्षरशः पालन किया जाए। शेष अन्य सभी शर्तें 'कोयला घोटाला' मामलों में पूर्व के अभियुक्तों के पक्ष में पारित पूर्व आदेशों में यथावत दोहराई जाती हैं। अनवर ढेबर के वकील फैजल रिजवी ने मीडिया से कहा है कि ये मामला राजनैतिक है और अनवर राजनैतिक द्वेष के शिकार हो रहे हैं। आरोप 2 हजार करोड़ की गड़बड़ी के लगाए गए हैं और ईडी अपने आरोप के समर्थन में 2 रुपए की गड़बड़ी का प्रमाण भी नहीं दे पाई है।