बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के IAS अधिकारी अनिल टुटेजा को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दे दी है। मनी लॉन्ड्रिंग और शराब घोटाला मामले की जांच कर रही ED की टीम अनिल टुटेजा को फिलहाल गिरफ्तार नहीं कर पाएगी। ईडी की गिरफ्तारी से बचने के लिए अनिल टुटेजा और उनके पुत्र यश टुटेजा ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली थी। पिता-पुत्र की याचिका पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया है। जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एहसानुद्दीन अमनउल्लाह की की डिवीजन बेंच ने मामले की सुनवाई की। याचिकाकर्ताओं ने ईडी द्वारा की जा रही कार्रवाई को गलत बताया था। याचिका में कहा गया कि मनी लॉन्ड्रिंग के मामले की ईडी द्वारा जो कार्रवाई की जा रही है उसका कोई ठोस आधार नहीं है।
याचिका में कहा गया है कि ED ने इस बात की जानकारी नहीं दी है कि याचिकाकर्ताओं ने कैसे अवैध तरीके से धन जमा किए और कैसे धन शोधन किया गया। याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि ईडी की नियमावली में इन बातों को बताते हुए ही केस रजिस्टर्ड किया जाता है। जिसका ईडी द्वारा पालन नहीं किया गया। इस मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने टुटेजा के खिलाफ कार्रवाई पर रोक लगा दी है। वहीं इस मामले में 13 जुलाई को अगली सुनवाई होगी। लेकिन तब तक ईडी टुटेजा के खिलाफ किसी भी तरह की सख्ती नहीं कर पाएगी। आपको बता दें छत्तीसगढ़ में शराब घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही ईडी द्वारा शराब कारोबारियों, नेताओं और अधिकारियों पर लगातार अपना शिकंजा कसते जा रही थी। मामले में अनिल टुटेजा के घर में भी ईडी ने दबिश दी थी और उन्हें पूछताछ के लिए कई समन भेजे गए थे। सूत्रों के मुताबिक ईडी की टीम इस मामले में टुटेजा की गिरफ्तारी की लगातार कोशिश कर रही थी। लेकिन इसमें वे सफल नहीं हो पाए।
प्रदेश के आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उनकी गिरफ्तारी या इसी तरह की किसी अन्य दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी। जस्टिस संजय किशन कौल, और जस्टिस एहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ में आईएएस अफसर अनिल टुटेजा व उनके पुत्र यश टुटेजा की याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ताओं ने पीएमएलए एक्ट के तहत धारा 50, और धारा 63 के प्रावधानों को चुनौती दी। ईडी ने इस एक्ट के तहत छापेमारी की कार्रवाई की थी। याचिकाकर्ता के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि उनके पक्षकारों के यहां किस आधार पर कार्रवाई की गई, यह ईडी ने नहीं बताया है। जबकि 30 तारीख को ईडी के समक्ष हाजिर हुए थे, और उनसे जानकारी चाही थी। इसका ईडी के वकील पी राजू ने प्रतिवाद किया, और कहा कि एक गंभीर स्कैम है। कोर्ट ने कहा कि आपने प्रक्रियागत त्रुटि की है, और आपको इसका ध्यान रखना चाहिए। कोर्ट ने आगे कहा कि यह प्रकरण सुनवाई योग्य है। साथ ही अनिल टुटेजा, और यश टुटेजा को राहत देते हुए दोनों की गिरफ्तारी या इसी तरह की किसी दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी है। याचिकाकर्ता ईडी को जांच में सहयोग देते रहेंगे। उल्लेखनीय है कि ईडी ने टुटेजा के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है। उन्हें एडी के दफ्तर में हाजिर होने के लिए समन भी जारी किया गया था। टुटेजा ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर 28 अप्रैल तक अवकाश मांगा था।