बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव को लेकर सुगबुगाहट तेज हो गई है। स्थानीय नेता अब इस चुनाव के लिए गुणा-गणित लगाकर अपने पक्ष में माहौल तैयार करने की कोशिश कर रहे हैं। इसी बीच अब एक बड़ी खबर आई है। अंत्यावसायी विकास समिति के बकायदार स्थानीय निकायों का चुनाव लड़ने से वंचित हो सकते हैं। उन्हें समिति से लिए गए ऋण को चुकता करना होगा। इसके बाद एनओसी लेकर नामांकन फार्म भरने के दौरान जमा कराना होगा। ऐसा नहीं करने पर नामांकन रद्द हो सकता है।
दरअसल, बिलासपुर सहित प्रदेश के अन्य जिलों में अंत्यावसायी विकास समिति के जरिए स्वरोजगार के लिए वित्तीय ऋण सहायता दी जाती है। बड़ी संख्या में लोग इस योजना का लाभ लेते हैं, लेकिन कई लोग इसकी किस्त समय पर नहीं जमा करते हैं। अब ऐसे लोगों पर शिकंजा कसने की तैयारी की जा रही है। बकाया राशि नहीं चुकाने वाले हितग्राही आगामी नगरीय निकाय या पंचायत चुनाव लड़ने से वंचित हो सकते हैं। लोन न चुकाने वाले 1,850 हितग्राहियों की सूची जिला अंत्यावसायी विकास सहकारी समिति ने कलेक्टर को सौंपी थी।
इसके बाद कलेक्टर ने फैसला लेते हुए इस सूची को निगम आयुक्त, नगरीय निकायों के सीएमओ और जनपद पंचायतों के सीईओ को भेजा है। कलेक्टर ने नामांकन के दौरान उनके फामों पर निगाह रखने कहा है। कहा जा रहा है कि यदि ऐसे लोग चुनाव लड़ने के लिए नामांकन जमा करते हैं तो उनका पर्चा रद्द किया जा सकता है। बता दें कि स्थानीय चुनाव को लेकर नियम है कि चुनाव लड़ने के इच्छुक उम्मीदवारों पर सरकारी टैक्स अथवा लोन का बकाया नहीं होना चाहिए।