सफलता की कहानी, आय में वृद्धि के साथ समूह की महिलाओं की जागी इच्छाशक्ति

Update: 2021-09-19 13:17 GMT

रायपुर। शासन की महत्वाकांक्षी सुराजी गांव योजना से के तहत गांवों में गौठानों के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को रोजगार के साधन मिल रहें हैं । महिलाएं अब स्वावलम्बन की ओर कदम बढ़ा रही हैं। एक ओर उनकी आय में वृद्धि हो रही है, वहीं इससे उनमें इस कार्य को आगे बढ़ाने की इच्छाशक्ति भी जागृत हुई है। रायपुर जिले के ग्राम कोहका के स्व-सहायता समूह की महिलाएं 6 एकड़ क्षेत्र में बाड़ी और चारागाह विकसित कर सब्जीवर्गीय फसलें और पशुओं के लिए चारा का उत्पादन कर रही हैं। नवज्योति महिला स्व-सहायता समूह की महिलाओं के द्वारा विभिन्न प्रकार की अंतरवर्तीय सब्जी की फसलें ली जा रही हैं। समूह की अध्यक्ष श्रीमती उषा कुर्रे ने बताया कि योजना के तहत लगभग 6 एकड़ रिक्त भूखण्ड में बाड़ी और चारागाह का बनाया गया है। उन्होंने बताया कि सब्जीवर्गीय फसलों की उन्नत पैदावार एवं तकनीकी ज्ञान के लिए समय-समय पर विशेषज्ञों द्वारा जानकारी दी जाती है।विभिन्न प्रकार की सब्जियों जैसे भिंडी,लौकी, करेला,बैंगन,कद्दू,अमारी और पटवा भाजी सहित अरहर का भी उत्पादन किया जा रहा है।

समूह की अन्य महिलाओं श्रीमती सत्यभामा और उर्मिला जांगड़े ने बताया कि समूह को अब तक 37 से 40 हजार रूपए की आमदनी हो चुकी है। समूह की अध्यक्ष ने बताया कि इन सब्जियों और चारा के अलावा समूह की महिलाएं द्वारा केचुँआ का पालन किया जा रहा है। इससे भी महिलाओ को आमदनी होगी। समूह की महिलाओं ने कहा कि शासन की योजना से स्वावलम्बन का सशक्त जरिया मिला है।आर्थिक स्त्रोत का साधन मिलने से परिवार के अन्य आवश्यकताओं को पूरा करने में आसानी हुई है।

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