सफलता की कहानी: सबके लिए सुविधाजनक हो गया पक्का मकान

छग

Update: 2023-01-19 14:40 GMT
धमतरी। आठ जनों (सदस्यों) का परिवार, दो कमरे का कच्चा मकान। मन में हमेशा छत से पानी टपकने, दीवार ढहने का खौफ। ऊपर से पढ़ने-लिखने की इच्छा रखने पर घर में परिवार वालों की चहल-कदमी, टी.वी. की आवाज यह सब रोड़ा बनकर आते। घर की माली हालत तंग होने की वजह से परिजनों का पालन पोषण ही काफी मुश्किल से हो पाता। ऐसे में खुद का पक्का मकान यह नामुमकिन, लेकिन खूबसूरत ख्वाब। मगर आज यह ख्वाब हकीकत में तब्दील हो चुका है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत धमतरी शहर के सुभाषनगर वार्ड में 79 वर्षीय बालाराम यादव अपने परिवार के साथ दो कमरा, एक हॉल, एक किचन के पक्के मकान में हंसी-खुशी रह रहे हैं। पुराने दिनों को याद करते हुए भावुक होकर बुजुर्ग यादव बताते हैं कि दो कमरे के कच्चे मकान में इतने बड़े परिवार के साथ रहना मुश्किल हो गया था। उस पर पानी लेने परिवार को बाड़ी तक जाना पड़ता था।
नगरपालिक निगम धमतरी में आर्थिक स्थिति के आधार पर प्रधानमंत्री आवास योजना में आवास स्वीकृत हुआ और वर्ष 2020 में घर बनकर तैयार हो गया। पक्का मकान बनने के साथ ही घर पर नल भी लगा लिए। खेती-किसानी करने वाले बालाराम यादव के आठ जनों के परिवार में उनकी पत्नी के अलावा बेटा, बहू, नाती, नाती-बहू, नातिन सहित परनातिन हैं। इनमें बेटा कैलाश यादव और नाती भूपेन्द्र यादव सब्जी मण्डी में सब्जी बेचते हैं। वहीं एमएससी की पढ़ाई कर रही नातिन पूजा यादव कहतीं हैं कि कच्चे मकान में दो ही कमरे होने की वजह से एक ही कमरे में टीवी की आवाज, परिवार के सदस्यों की बातचीत की वजह से उनकी पढ़ाई में बाधा पहुंचती थी। अब तीन कमरों का पक्का मकान बन जाने से वे अपनी दादी के कमरे में एकांत में पढ़ाई करती हैं, जहां उन्हें टीवी और अन्य शोर गुल सुनाई नहीं पड़ता। गौरतलब है कि बालाराम यादव को चार किश्तों में कुल दो लाख 28 हजार 750 रूपये मिले। पक्के मकान में यादव की जिंदगी परिवार सहित सुकुन और राहत के साथ खुशहाली में गुजर रही है।
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