रायगढ़। राज्य परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा एवं कलेक्टर व जिला मिशन संचालक रायगढ़ के निर्देशानुसार विकासखंड खरसिया में दिनांक 25 अप्रैल मंगलवार को अंगना म शिक्षा मेला - पढ़ाई तिहार का आयोजन किया गया। खरसिया के 183 प्राथमिक विद्यालयों में यह कार्यक्रम उत्साह के साथ आयोजित किया गया। अंगना म शिक्षा मेला कार्यक्रम में विकासखंड की 3672 सक्रिय माताओं (एक्टिव मदर कम्युनिटी) ने कार्यक्रम में अपनी भागीदारी निभाई। अंगना म शिक्षा मेले में माताओं को ग्रीष्म अवकाश में घर में नौनिहाल बच्चों को कैसे सिखाएं से अवगत कराया गया। माताएं अपने घर में खुशनुमा माहौल में बच्चों को कैसे तैयार करें ?कैसे उन्हें पढ़ाई सरल विधि से स्थानीय सामग्रियों से जैसे आलू,प्याज, टमाटर, थाली, कटोरी, गिलास, फल-फूल, पत्ती, कंकड़-पत्थर, लकड़ी, प्लास्टिक डिब्बा खिलौने आदि से अक्षर ज्ञान, जोड़ना-घटाना, अंक पहचान, वर्ण पहचान आदि आनंद के साथ कैसे सिखाएं यह सब बातें बताई गई। इस तरह से माताएं बच्चों के सर्वांगीण विकास, बौद्धिक विकास, मानसिक योग्यता आदि सभी पहलुओं को बारीकी से घर में रहकर ही बच्चों को खेल-खेल में सिखा सकती हैं। इसी उद्देश्य से मेले का आयोजन किया गया।
बच्चों के स्तर पहचान के लिए 9 काउंटर बनाए गए। काउंटर (1) सपोर्ट कार्ड वितरण करना (2) संतुलन बना कर चलना कूदना (3) संतुलन बनाना पेपर फोल्डिंग (4) बौद्धिक विकास मिलान करना पहचान करना (5) वर्गीकरण क्रम से लगाना (6) भाषा विकास (7) गणित पूर्वतयारी आकार पहचान गिनना (8) अंक पहचान जोड़ घटा (9) शारीरिक विकास, भाषा विकास, सामाजिक और भावनात्मक विकास। इन गतिविधियों में माताओं ने बड़े उत्साह के साथ भाग लिया और बच्चों से सभी गतिविधियों को कराया। साथ में जनभागीदारी के सदस्य, पालकगण भी उपस्थित रहे।
आंगनबाड़ी के 5 से 6 आयु वर्ग के बच्चों को उक्त गतिविधियों में संलग्न किया गया, ताकि उनके शाला आने के पूर्व उनकी तैयारी हो जाए। माताएं उन्हें घर में आनंदमय माहौल में बढ़िया से सीखा सकें, माताओं ने बड़े ही हर्षोल्लास के साथ इस मेले का लुफ्त उठाया। साथ ही बच्चों को कैसे घर में पढ़ाना है, यह भी उन्होंने सीखा। अंगना में शिक्षा माताओं के लिए एक सीढ़ी का काम कर रही है उन्हें घर से बाहर अपनी अलग पहचान बनाने के लिए अपने बच्चों के नजर में एक शिक्षिका के रूप में प्रथम गुरु का कर्तव्य निभाते हुए सभी माताओं में अंगना मा शिक्षा से प्रेरणा ली और अपने अपने बच्चों के स्तर को समझते हुए उन्हें आगे बढ़ाने का प्रयास करने के लिए बीड़ा उठाया। अंगना म शिक्षा से सभी माताओं पर बहुत ही सकारात्मक प्रभाव पड़ा है और वे प्रेरित हुईं। इससे अब मातायें खुद से बच्चों को पढ़ाने के लिए आगे आती हैं। घर पर भी बच्चों को खेल-खेल में आनंद आए माहौल में पढ़ाने में स्वयं को सक्षम बनाने में यह कार्यक्रम अत्यंत सहायक है।