बलरामपुर। जिले में तेज़ आंधी-तूफ़ान ने तबाही मचा दी है। इस तेज आंधी-तूफ़ान से कई गुमटियां उड़ गई है। इस आंधी से कई दुकानों के शीट हवा में उड़ गए है। आपको बता दें कि मौसम विभाग ने पहले ही अलर्ट जारी किया था जिसमें बालोद, रायपुर, बलरामपुर समेत कई जिलों का नाम शामिल किया था। इस आंधी तूफ़ान से एक बड़ा पेड़ भी गिरा जिसमें एक मकान भी क्षतिग्रस्त हो गया है। छत्तीसगढ़ में मानसून से अभी भी पूरी तरह से बरसना शुरू नहीं किया है. लेकिन बलरामपुर-रामानुजगंज में आज आये आंधी तूफ़ान से ये कहा जा सकता है कि छग में इस बार बहुत तेज़ और बहुत भारी बारिश होने के आसार नज़र आ रहे है। पिछले साल दक्षिण बस्तर में तो ज्यादा बारिश के कारण बाढ़ की स्थिति है. नदी-नाले उफान पर हैं।
इस बीच मौसम विभाग ने पूर्वानुमान जारी किया है. मौसम विभाग के मुताबिक छत्तीसगढ़ के बिलासपुर, रायगढ़, जांजगीर चांपा, कोरबा, रायपुर, बेमेतरा, मुंगेली, महासमुंद समेत करीब 20 जिलों में गुरूवार को बारिश के साथ ही आंधी तूफान चलने के आसार हैं. इसको लेकर लोगों को सावधान रहने कहा गया है. भारतीय मौसम विज्ञान केन्द्र के मुताबिक छत्तीसगढ़ के लगभग हर जिले में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है, लेकिन 20 जिलों में आंधी तूफान के साथ ही बिजली गिरने की भी आशंका जताई गई है. दक्षिण बस्तर में तेज बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया गया है. छत्तीसगढ़ के मध्य इलाके दुर्ग, रायपुर, बालोद, राजनांदगांव में हल्की बारिश हो सकती है. सुबह से ही मौसम खुशनुमा बना हुआ है. बारिश को लेकर लोगों को अलर्ट भी किया गया है. रायपुर मौसम विज्ञान केन्द्र के मुताबिक आगामी चार से पांच दिन तक लगभग यही स्थिति बनी रहेगी. बारिश से किसानों को फसल की बुआई में राहत मिली है. बस्तर के सुकमा, बीजापुर जिले में बाढ़ के हालात हैं.
बलरामपुर में किसान परेशान
बलरामपुर जिले में कम बारिश होने की संभावना से इन दिनों किसान काफी परेशान और हताश नजर आ रहे हैं. किसान भगवान भरोसे अपनी खेती और किसानी का कार्य कर रहे हैं. उनकी माने तो अगर बारिश नहीं हुई तो उनकी जमा पूंजी खत्म हो जाएगी और वह कर्ज तले दब जाएंगे. इस बार मौसम की बेरुखी किसानों को परेशान करने लगा है. किसानों ने बताया कि अब तक बीते साल अच्छा वर्षा हो चुका था और उनके खेतों में फसल लहराने लगे थे, लेकिन इस बार लेट से वर्षा होने की संभावना है। कम वर्षा होने की वजह से उनकी खेती का कार्य काफी प्रभावित हो रहे हैं. यह भी डर सताने लगा रहा है कि अगर बारिश नहीं हुई तो खेतों में डाले गए बीच भी खत्म हो जाएंगे और जमा पूंजी भी इसके साथ चली जाएगी. कई ऐसे किसान परिवार है जिनका पूरा परिवार खेती और किसानी पर निर्भर रहता है लेकिन बारिश की बेरुखी ने इन परिवारों की चिंता बढ़ा दी है.