खरसिया में आज शहीद नंदकुमार पटेल की प्रतिमा का अनावरण

Update: 2021-11-08 08:00 GMT

रायपुर (जसेरि)। वरिष्ठ कांग्रेसी और छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने बताया कि आज शहीद नंदकुमार पटेल की जयंती के अवसर पर उनकी कर्मभूमि खरसिया में उनकी प्रतिमा का अनावरण मुख्यमंत्री भूपेश बघेल करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि जनसेवा का यह कर्म शहीद नंदकुमार पटेलद्वारा जीवन के अंतिम क्षणों तक किया गया इस गौरवशाली विरासत को और सेवा की इस अटूट परंपरा को उनके पुत्र उमेश पटेल आगे बढ़ा रहे हैं और उनका साथ दे रहे हैं खरसिया और छत्तीसगढ़ की जनता। आज से दस साल पहले शहीद नंदकुमार पटेल ने अपने जन्म दिन के अवसर पर कहा था कि राजनीति हर किसी के लिए दांव पेंच होती है लेकिन राजनीति मेरे लिए प्रजातंत्र की सेवा है, और इसकी सेवा करना मेरा कर्म है, उन्होंने आगे यह भी कहा था कि मै मानता हूँ कि मेरा जन्म भी इसीलिए हुआ है ,और इसकी सेवा में ही मैं अपने जीवन को धन्य भी मानता हूँ क्योकि जनसेवा मेरा कर्म है और वह कर्म अपने जीवन के अंतिम क्षणों तक करता रहूँगा। उन्होंने उस वक्त छत्तीसगढ़ में अराजकता, तेजी से हो रहे औद्योगीकरण, कटते जंगल, किसानो की बिकती जमीनों और पटते नदी तालाबों से व्यथित होकर अपने जन्मदिन पर एक कविता भी लिखी थी जिसका शीर्षक था कैसे मनाऊं जन्मदिन इसमें उन्होंने लिखा था कि अपनों को देखूं ,या गांव को देखूं या प्रदेश को देखूं तो रंज है दु:ख है अराजक बदहाली का। छत्तीसगढ़ में इन सब घटनाओ से व्यथित शहीद नंदकुमार पटेल ने अपना जन्मदिन भी नहीं मनाया था। ठीक आज से दस साल पहले उन्होंने कविता लिखी थी। आज 8 नवंबर को उनके जन्मदिन के अवसर पर प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री दोपहर 2 बजे कालेज ग्राउंड खरसिया में उनकी प्रतिमा का अनावरण कर छत्तीसगढ़ की जनता को सन्देश देंगे कि शहीद नंदकुमार पटेल जो सच्चे जनसेवक थे उनकी जनसेवा की अवधारणा को आगे बढ़ाते हुए हरसंभव कार्य करते रहेंगे और उनके सपनो को भी पूरा करके रहेंगे जिसके लिए शहीद नंदकुमार पटेल के पुत्र उमेश पटेल के साथ खरसिया और छत्तीसगढ़ की पूरी जनता उनके साथ है।

मुख्यमंत्री ने शहीद नंद कुमार पटेल को जयंती पर किया याद

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पूर्व गृहमंत्री शहीद नंदकुमार पटेल को कल 8 नवंबर को उनके जन्मदिन पर याद करते हुए उन्हें नमन किया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि पटेल जमीन से जुड़े जननेता थे। वे छत्तीसगढ़ को आसमान की ऊंचाईयों तक ले जाने का सपना देखते थे। बघेल ने कहा कि पटेल मेरे बड़े भाई के समान थे, उनका हाथ आज भी मुुझे अपने कंधे पर महसूस होता है।

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