राज्य सरकार ने जमीन की रजिस्ट्री की प्रक्रिया को किया सरल, डिजिटल खसरा और बी-1 से हो जाएगा काम

छत्तीसगढ़ सरकार ने जमीन की रजिस्ट्री की प्रक्रिया को सरल कर दिया है। राजिस्ट्री के लिए भुईया से डाउनलोड किया गया दस्तावेज मान्य कर दिया गया है

Update: 2020-12-06 06:30 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | छत्तीसगढ़ सरकार ने जमीन की रजिस्ट्री की प्रक्रिया को सरल कर दिया है। राजिस्ट्री के लिए भुईया (वेबसाइट व एप) से डाउनलोड किया गया दस्तावेज मान्य कर दिया गया है। इससे जमीन का पंजीयन कराने वालों को पटवारी या तहसीलदार के चक्कर काटने की जरूरत नहीं होगी। इस संबंध में कार्यालय महानिरीक्षक पंजीयन एवं अधीक्षक मुद्रांक ने राज्य के सभी जिलों के कलेक्टरों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।

पटवारी के सील-साइन की नहीं पड़ेगी जरूरत
नई व्यवस्था को लागू करने का कारण यह है कि लोगों को रजिस्ट्री के लिए आनलाइन नक्शा खसरा व बी-1 पर पटवारी के हस्ताक्षर और सील लगवानी पड़ती थी। अब जमीन रजिस्ट्री में पटवारी व तहसीलदार के हस्ताक्षरित खसरा पांचसाला और खसरा बी-1 की जरूरत नहीं होगी। अब डिजीटल खसरा पांचसाला और खसरा बी-1 से ही रजिस्ट्री हो जाएगी।
नहीं लगानी पड़ेगी पटवारी कार्यालय की दौड़
राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कहा है कि इस निर्देश के बाद लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। लोगों को बार-बार पटवारी कार्यालय के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। पटवारी के सील-साइन के चक्कर में रजिस्ट्री में वक्त लगता था और शासन को भी राजस्व का नुकसान होता था।
कुछ मामलों में पड़ेगी प्रमाणित अभिलेख की जरूरत
महानिरीक्षक पंजीयन एवं मुद्रांक ने स्पष्ट किया है कि कुछ मामलों में प्रमाणित अभिलेख की मांग की जा सकती है। पंजीयक को यदि किसी प्रकार से कोई संदेह है या प्रश्नाधीन भूमि भुईया के साइट में उपलब्ध नहीं है तो रजिस्ट्री के लिए पटवारी या तहसीलदार द्वारा प्रमाणित राजस्व अभिलेख की मांग की जाएगी।


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