रायपुर। डॉ मुनि शांतिप्रिय सागर महाराज ने कहा कि हर दिन की शुरुआत स्वस्थ मन से कीजिए। प्रसन्न मन और उल्लसित हृदय के साथ दिन की शुरुआत करने वाले व्यक्ति का पूरा दिन ऊर्जावान बना रहता है। सूर्याेदय से पहले जगने की आदत डालें। 5 बजे जगना हीरा है, 6 बजे सोना है, 7 बजे चाँदी है, 8 बजे लोहा है, पर 9 बजे तक बिस्तर में पड़े रहना धूल के समान है। जो लोग सुबह जल्दी जगते हैं वे तेजस्वी भी होते हैं, धनवान भी और भाग्यवान भी।
मुनि श्री सोमवार को एमजी रोड स्थित जैन दादावाड़ी में चल रहे पांच दिवसीय संबोधि ध्यान योग शिविर के समापन पर साधक भाई बहनों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सबसे हिल-मिल कर रहिए। आज इंसान के पास ई-मेल तो है, पर इंसान का इंसान से कोई मेल नहीं है। हम एक-दूजे के साथ हिल-मिलकर जिएँ। किसी की छोटी-मोटी ग़लतियों को नज़रअंदाज़ करके उसके साथ मधुर व्यवहार बनाए रखना, यही जीवन की व्यवहार-कुशलता है। सबको साथ लेकर चलिए। जीवन में चाहे जितने बड़े हो जाएँ, पर अपनों के साथ हमेशा बराबर का बनकर रहिए। जीवन में कब किसकी ज़रूरत पड़ जाए, पता नहीं चलता। न तो हम अपने-आपको गले लगा सकते हैं और न अपने कँधे पर सिर रखकर सो सकते हैं। इसलिए सबसे मिल-जुलकर रहिए। प्रवचन से पूर्व सभी ने स्वास्थ्य लाभ के लिए पॉवरफुल योगा एवं अंतर्मन की शांति के लिए मेडिटेशन का अभ्यास किया।