स्कीम का लालच देकर लोगों को फांस रहे सटोरिये...

Update: 2021-02-22 05:37 GMT

ठिकाना बदल-बदलकर खुले में लिख रहे सट्टा-पट्टी

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। सट्टे में दाव लगाने वाले लोग ईमानदार! सट्टे का अवैध कारोबार जोर शोर से चल रहा है। एक रुपए को अस्सी रुपया बनाने के चक्कर में खासकर युवा वर्ग अधिक बर्बाद हो रहे हैं। सट्टे के इस खेल को बढ़ावा देने सटोरी ग्राहकों को मुफ्त में स्कीम देखने सट्टे नंबर वाले चार्ट उपलब्ध करा रहे हैं। राजधानी में आए दिन सट्टा का करोबार जोरो से चलते जा रहा है। शहर में सट्टे का कारोबार तेजी से फल-फूल रहा है। शहर के साथ-साथ गांवों में भी सट्टा का कारोबार सफेदपोश नेताओं और आस-पास लोगों की मदद से तेजी से फैल रहा है।लोग बेख़ौफ़ होकर अपने काले धंधे का संचालन कर रहे हैं।शहर के कई क्षेत्रों में सट्टे का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। इसके चलते युवा वर्ग बर्बादी की ओर बढ़ रहा है। विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो पूरा मामला जान कर भी स्थानीय पुलिस मौन धारण किये हुए है। पूरे शहर को सट्टे ने अपनी चपेट में ले लिया है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि लोग अब खुलेआम सट्टा खेल रहे हैं और उनमें पुलिस का भी कोई डर नहीं नजर आता। वहीं पुलिस भी इस पूरे मामले पर अपनी आंखें मूंदे हुए हैं।

सट्टे-जुए का अवैध कारोबार, खुले मैदान में

जुएं और सट्टे का कारोबार भी जोरों पर चल रहा है। जुआ माफियाओं ने अपना अड्डा नेहरू नगर और नई बस्ती क्षेत्र के अलावा अन्य जगहों पर फैलाते हुए अवैध कारोबार शुरू कर दिया है। गौरतलब है कि कुछ समय पूर्व शहर में जुएं का कारोबार जोरों पर संचालित किया जाता था और इस कारोबार से लगे लोगों के हौसले इतने बुलंद हो चुके है कि अब दिनदहाड़े जहां खुले मैदानों में सट्टा पर्ची काटी जा रही है, वहीं खुले मैदान के सामने भी सट्टा खिलवाया जा रहा है।

कई बुकीज शहर से बाहर, वही से अपना कारोबार चला रहे

सटोरिए सट्टा खिलाते हुए अब अपने बुकीज को शहर के बाहर निकलवा चुके है। उस पर पुलिस की सतत नजर है। इस बीच खबर यह मिली है कि सट्टा से जुड़े कई बुकीज शहर छोड़कर भाग चुके हैं। पुलिस या कोई खुफियां एजेंसी सट्टोरियों को पकड़ न सकें। इस लिए सट्टोरियों ने कोड वर्ड में बात शुरू कर दी है। इसमें रुपया लगाने से लेकर बॉल और जीत हार की फिक्सिंग के लिए सट्टोरी अलग-अलग कोड वर्ड का इस्तेमाल कर बातचीत कर रहे हैं। इससे पुलिस उनका पता न लगा सके। गौरतलब है, कि कुछ समय पूर्व शहर में जुएं का कारोबार जोरों पर संचालित किया जाता था। पूर्व में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए इस अवैध कारोबार को ध्वस्त किया था। लेकिन वर्तमान में फिर से क्षेत्र में एक बार फिर जुआ माफिया सक्रिय हो गए है। सूत्रों की माने तो इन जुआ माफिया को कुछ सफेदपोश का भी संरक्षण प्राप्त है। शहर में संचालित जुएं के फड़ में दांव लगाने के लिए क्षेत्र के बड़े-बड़े जुआरियों का आना-जाना लगा रहता है। वहीं अंदेशा लगाया जा रहा है, कि जुएं के बढ़ते व्यापार से शहर में आपराधिक वारदातों में इजाफा हुआ है।

सटोरियों ने बदला ठिकाना

विश्वसनीय सूत्रों से पता चला है कि ग्रामीण इलाकों में चला रहे सटोरियों ने अपना ठिकाना बदल दिया है। वे लगातार अलग-अलग जगहों से अपना खेल चला रहे हैं। इसकी जानकारी पुलिस को भी नहीं है। बड़े सटोरियों ने पूरे शहर को अपनी चपेट में ले लिया है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि लोग अब खुलेआम सट्टा खेल रहे हैं। और उनमें पुलिस का भी कोई डर नहीं नजर आता। वहीं पुलिस भी इस पूरे मामले पर अपनी आंखें मूंदे हुए हैं। रायपुर की तंग गलियों में काफी लोग सट्टे के धंधे में लगे हुए हैं।

अवैध रूप से संचालित

जुआ माफिया द्वारा संचालित किए जाने वाले जुएं के फड़ में आने वाले जुआरियों को सुरक्षित माहौल मुहैया करवाने के नाम पर रुपए लिए जाते हैं। यह रकम जुआरियों से वसूली जाती है। यही नहीं कारोबारी जुए में हारने वाले जुआरियों को मोटे ब्याज पर कर्ज भी मुहैया करवाते हैं। इसी के तहत उधार रुपए देकर मोटे ब्याज में फंसा लिया जाता है। कुछ ही दिनों ने ब्याज मूल रकम से भी ज्यादा हो जाता है, कुछ लोग रकम न चुका पाने व माफिया की प्रताडऩा से तंग आकर आत्मघाती कदम उठा लेते है।

सटोरिए खिलाते सट्टा, पुलिस रहती मौन

सटोरिए और जुआरिओ का सबसे सुरक्षित शहर रायपुर और उसके आसपास के ग्रामीण इलाके है। शहर व इसके आसपास और ग्रामीण क्षेत्रों में खुलेआम चल रहे जुआ के अड्डे जहाँ एक ओर कानून व्यवस्था का खुला मजाक उड़ा रहे हैं, तो वहीं अवैध रूप से चल रहे जुआ और सट्टा के इस खेल से युवा पीढ़ी तबाह हो रही है, जिनके भविष्य को लेकर अभिभावक परेशान रहते हैं। जबकि अवैध रूप से खेले जा रहे इस खेल से पुलिस खुद को अनजान बता रही है। अधिकारियों को इसकी जानकारी होने के बावजूद किसी भी प्रकार की मुहिम नहीं चलाई जा रही है। इस कारण शहर में खुलेआम यह कारोबार खूब फल-फूल रहा है। शहर में सट्टा कारोबार का संचालन जोरो पर है। विश्वसनीय सूत्रों ने बताया कि छुटभैय्या नेताओं और आसपास के रसूखदारों की मदद से जुएं एवं सट्टे का कारोबार चल रहा है। रायपुर में लंबे समय से इस कारोबार का संचालन हो रहा है लेकिन यहां तक वर्दी धारियों की पहुंच नहीं हो पा रही है और यही कारण है कि स्थानीय लोगों की मदद से सट्टा का कारोबार तेजी से फल-फूल रहा है।

करोड़ों की सट्टा-पट्टी के साथ 3 युवक गिरफ्तार, 19 हजार नगदी भी जब्त

रायपुर/ बिलासपुर पुलिस ने सट्टे के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तानी क्रिकेट सट्टे का भंडाफोड़ किया है। पाकिस्तान में चल रहे पीसीएल किकेट में करोड़ों रुपए का सट्टा लगाया गया था। पुलिस ने दबिश देकर 19 हजार 580 नगद और करोड़ों रुपए की सट्टा पट्टी के साथ 3 आरोपी गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है. पुलिस के मुताबिक उन्हें सूचना मिली थी कि आईपीएल के तर्ज पर पाकिस्तान में चल रहे पीसीएल क्रिकेट टूर्नामेंट में आज लाहौर बनाम पेशावर के बीच 20-20 मैच चल रहा है। जिसके लिए सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र के केरियर पांइट स्कूल के पीछे सट्टा खिलाया जा रहा है. जिसके बाद दबिश देकर घेराबंदी कर तीन आरोपी दिनेश टेकवानी (55), अमित वाधवानी (36) और यारा खान (24) लोगों को रंगे हाथो पकड़ा गया. ये तीनों आरोपी पीसीएल टूर्नामेंट किकेट में हारजीत का दाव लगवाकर किकेट सट्टा खिला रहे थे। पुलिस ने इनके पास से 19 हजार 580 नगद, एक एलईडी टीवी, एक लैपटॉप, सेटअप बाक्स, 9 नग मोबाइल और करोड़ों रुपए की सट्टा-पट्टी बरामद किया है। सभी आरोपियों के खिलाफ जुआ एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है।

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