सट्टेबाजों ने बनाया सटोरियों का ग्रुप, दांव का होगा आदान-प्रदान

पुलिस ने पुराने सटोरियों की निकाली कुंडली

Update: 2021-04-03 05:42 GMT

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। राजधानी में बस कुछ दिन बच गए आईपीएल मैच शुरू होने में ऐसे में सट्टेबाज अपनी हरकतों से बाज नहीं आने वाले है। जिले में चल रहा ऑनलाइन सट्टे का कारोबार मुंबई जैसे बड़े शहरों से संचालित हो रहा है। अब आईपीएल के मैचों में उनकी लाइन चलने वाली है। मैच के हर गेंद में बुकीज़ अपने एजेंटों को हर जगहों पर भेजकर सट्टे का दाव लगवाते है। ऑनलाइन सट्टा कारोबार से जुड़े सक्रिय सदस्य सट्टा लगाने वाले को नहीं जानते। वह केवल उनके खाते को जानते हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक पहले लाखेनगर में सक्रिय सटटेबाज और एक सट्टा लगाने वालों का एक ग्रुप बनाते है। इस ग्रुप में एक बड़ा बुकी होता है जो मुंबई जैसे शहरों से लाइनों को जुड़वाने का काम करते है। सट्टा कारोबार पर नकेल कसने के दावे फेल हो चुके हैं। जैसे ही टी-20 के मैच होते है वैसे ही पुलिस की नाक के नीचे फिर से सट्टा कारोबार शुरू हो जाता है। रायपुर में सट्टे का काम फिर से जोर पकडऩे लगा है। देवार बस्तियों में खुलेआम ये काम चल रहा है।

सट्टे से हो रहे घर बर्बाद : जिले में सट्टा कारोबार चल रहा है जिसको लेकर पुलिस प्रशासन भी कोई सख्त कदम नहीं उठा रहा है। आईपीएल मैच को लेकर शहर में जमकर सट्टा कारोबार चल रहा है और लोग करोड़ों रुपए लगाकर पैसा कमाने की जुगाड़ में लगे हुए है। इससे कई लोगों के घर बर्वाद हो रहे हैं और कुछ लोगों को सट्टे में पैसा हारने पर भूखों मरना पड़ रहा है। फिर भी सट्टा कारोबार बंद नहीं हो पा रहा है।

गोवा, पुणे व मुंबई से चल रहा नेटवर्क : सटोरिए व खाईवालों का यह कारोबार हाईटेक हो गया है। चर्चित सटोरिए व खाईवाल आइपीएल शुरू होने से पहले ही गोवा, पुणे व मुंबई से लाइन लेना शुरू हो जाता है। लेकिन, उनका नेटवर्क शहर में सक्रिय रहता है। हाईटेक सटोरिए व खाईवालों का ऐसा नेटवर्क बन गया है कि कहीं भी बैठकर अपना कारोबार चला सकते हैं।

सटोरियों को बचाने छुटभैय्ये नेता करते हस्तक्षेप

नामजद सटोरियों को बचाने के लिए छुटभैय्ये नेताओं का हस्तक्षेप भी चल रहा है। यही वजह है कि छुटभैय्ये नेताओं की मिलीभगत से चिन्हित सटोरिए आइपीएल शुरू होने के बाद अपना कारोबार चला रहे हैं और पुलिस उन्हें फरार बता रही है। दर्जनभर सटोरियों को बचाने के लिए छुटभैय्या नेता थानों का चक्कर भी लगा रहे हैं और उनकी गिरफ्तारी नहीं करने के लिए दबाव बना रहे हैं।

शहर में सक्रिय हैं दर्जनभर से ज्यादा सटोरी

पिछले कुछ सालों से पुलिसिया कार्रवाई के दौरान पकड़े गए सटोरियों के अलावा कई ऐसे नए चेहरे हैं, जो सट्टाबाजार में अपना भाग्य आजमा रहे हैं। उनकी सूची भी पुलिस के पास है, जो शहर में लगातार अपना ठिकाना बदल-बदलकर कारोबार संचालित कर रहे हैं। फिर भी पुलिस हाथ पर हाथ धरी बैठी है और मौके का इंतजार कर रही है।

सट्टे के कारोबार में तकनीकी बदलाव

आज कल सट्टा कारोबार में भी तकनीक का जबरदस्त इस्तेमाल किया जा रहा है। सट्टेबाजों को यह सुविधा भी उपलब्ध है कि एक नंबर पर मिस कॉल करते ही उनके मोबाइल पर सट्टे के दिन भर का लेखा-जोखा आ जाता है। सट्टा चाहे कबूतर पर लगे या नंबर पर है तो सट्टा ही। इसके बुनियादी तौर-तरीके नहीं बदलते। सट्टेबाजों की नजर इतनी पैनी होती है कि उड़ते कबूतर की भी चाल पहचान लेते है, और एक अपनी पुलिस है कि इतनी कमजोर कि हाथ आए कबूतर को भी उड़ा देती है। दरअसल सट्टेबाजी का इतिहास सदियों पुराना है। अलग-अलग जमाने में सट्टेबाजी की अलग-अलग शक्ल हुआ करती थी।

शहर में सट्टा कारोबार जोरो-शोरो पर

शहर में कभी चोरी-छिपे चलने वाला सट्टा बाजार आजकल कानून की ढीली पकड़ की वजह से खाईवाल के संरक्षण में खुलेआम संचालित हो रहा है। और वही खुले मैदान में सट्टेबाज ओपन, क्लोज और रनिंग के नाम से चर्चित इस खेल को खिलाते है। जिस प्रकार सब कुछ ओपन हो रहा है उससे यही लगता है कि बड़े खाईवाल को कानून का कोई खौफ नहीं रह गया है। रायपुर क्षेत्र में तो ये चलता ही है आजकल आउटर क्षेत्र में भी इस खेल के बढ़ते कारोबार का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि महिलाएं एवं बच्चे भी दिन-रात अंकों के जाल में उलझे रहते हैं। बड़े खाईवाल के एजेंट जो पट्टी काटते हैं रोज हर गली-मोहल्ले में आसानी से पट्टी काटते नजर आते हैं। इनमें से कुछ आदतन किस्म के लोग रायपुर में खुलेआम पट्टी काटकर और मोबाइल के माध्यम से भी इस अवैध कारोबार को संचालित कर लोगों की गाढ़ी कमाई पर डाका डाल रहे हैं।

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