कुष्ठ रोग पर जागरूकता के लिए माहभर चलेगा विशेष अभियान

Update: 2022-10-04 03:38 GMT

तखतपुर। कुष्ठ रोग या कोढ़ की बीमारी एक संक्रामक रोग है। यह रोग शिशुओं से लेकर बुजुर्गों तक यानि किसी भी उम्र में हो सकती है। इस बीमारी का इलाज संभव है। जल्दी इलाज करने से मरीज को शारीरिक विकलांगता से बचाया जा सकता है। इसी के मद्देनजर महात्मा गांधी की 150 वीं जन्म शताब्दी के उपलक्ष में कुष्ठ रोग जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। इस दौरान एक ओर जहां कुष्ठ रोगियों की पहचान स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा की जाएगी। वहीं दूसरी ओर बीमारी के प्रति फैली भ्रांतियों को दूर करने के लिए जनजागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा।

माहभर चलने वाले इस विशेष अभियान में पंचायत राज संस्थानों पर विशेष ग्राम सभाओं का आयोजन होगा। इस मौके पर पंचायत राज प्रमुखों द्वारा कुष्ठ रोग के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाएगी। साथ ही कुष्ठ रोकथाम के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं और बीमारी से बचाव व उपचार के बारे में लोगों को जागरूक किया जाएगा। इस दौरान कुष्ठ रोग निवारण संबंधी शपथ भी दिलाई जाएगी। वहीं स्कूलों में भी प्रार्थना सभा के दौरान विद्यार्थियों को कुष्ठ रोग, लक्षण एवं इसके उपचार की जानकारी दी जाएगी।

इस संबंध में खंड चिकित्सा अधिकारी तखतपुर , डॉ. सुनील हंसराज ने बताया: "कुष्ठ रोग एक गंभीर बीमारी है, इसका इलाज संभव है। यह बीमारी छूने से व आनुवांषिक रोग नहीं हैं। मुख्य रूप से यह बीमारी माइक्रोबैक्टीरियम लेप्रै नामक बैक्टीरिया से हवा के जरिए फैलती है। पूरी तरह इसके लक्षण सामने आने में कई बार 4 से 5 साल का समय भी लग जाता है। रोग की जांच व इलाज सभी सरकारी अस्पतालों, उप स्वास्थ्य केंद्रों पर निशुल्क उपलब्ध है।"

उन्होंने आगे बताया: "महात्मा गांधी ने कुष्ठ रोगियों की सेवा कर आमजन को इस कार्य के लिए प्रेरित किया था। महात्मा गांधीजी की यह विचारधारा वर्तमान समय में भी प्रासंगिक है। समाज में कुष्ठ रोग के संबंध में फैली भ्रांतियों को दूर करने के लिए चिकित्सा विभाग की ओर से महात्मा गांधी की 150वीं जन्म शताब्दी के उपलक्ष में 2 अक्टूबर से जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। जिसकी शुरूआत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र से की गई। इस दौरान लोगों को बीमारी और उसके बचाव की संपूर्ण जानकारी दी गई। पूरे अक्टूबर भर जिले में कई जागरूकता संबंधी गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा।"

कुष्ठ उन्मूलन का लगातार प्रयास- कुष्ठ रोग उन्मूलन का प्रयास लगातार जारी है। इसके तहत तखतपुर में कुल 60 कुष्ठ रोगियों की पहचान जनवरी 2022 से अगस्त 2022 तक हुई है। चिन्हांकित मरीजों का इलाज किया जा रहा है।

दिखे यह लक्षण तो बरतें सावधानियां- डॉ. हंसराज ने बताया: "इस बीमारी के दौरान शरीर पर सफेद चकत्ते यानी निशान पड़ने लगते हैं। निशान वाला स्थान सुन्न हो जाता है यानी उस स्थान पर किसी तरह का प्रतिक्रिया नहीं होती है। ना ही दर्द का अहसास होता है। ये पैच या धब्बे शरीर के किसी एक हिस्से पर होने शुरू हो सकते हैं, जो ठीक से इलाज ना कराने पर पूरे शरीर में भी फैल सकते हैं। शरीर के कुछ हिस्से में गर्म-ठंडे का अहसास नहीं हो रहा हो या शरीर में सुन्नता बढ़ रही हो। ऐसी स्थिति में बिना देरी के तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। ऐसे व्यक्ति की जांच करवाकर उपचार लेने से रोगी ठीक हो जाता है और शारीरिक विकलांगता से बच सकता है। साथ ही 6 महीने से लेकर डेढ़ साल के अंदर इस बीमारी को पूरी तरह खत्म किया जा सकता है।"

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