रायपुर। समय का पहिया अब बहुत आगे बढ़ गया है। शहर अब सिर्फ शहर ही नहीं रहा, स्मार्ट शहर की राह में अपना कदम बढ़ा चुका हैं। चूंकि हमारा छत्तीसगढ़ राज्य किसानों का राज्य है। धान का कटोरा के रूप इस प्रदेश की पहचान पहले से हैं। स्वाभिमानी और परिश्रमी के प्रतीक किसानों की समृद्धि के साथ गांव का स्वरुप भी तेजी से बदल रहा है। छोटे शहर विस्तृत होकर आकार में फैल रहे हैं और आसपास के गांवों को कालोनियों में तब्दील कर रहे हैं। स्वाभाविक है कि नई कालोनियां छोटे-छोटे शहरों की अपेक्षा वर्तमान और भविष्य की जरूरतों के मुताबिक अनेक सुविधाओं का स्वप्न लेकर बस रहीं है। इन कालोनियों में नई पीढ़ी है। नई सोच है और नई जरूरतें हैं। नई पीढ़ी की नई सोच और नई जरूरतों को पूरा करने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल और नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ शिवकुमार डहरिया द्वारा नगरीय क्षेत्रों को बेहतर बनाने की समग्र कोशिश की जा रही है। नगरीय क्षेत्रों में सार्वजनिक स्वास्थ्य, गरीबों के उन्नयन,स्वच्छता से संबंधित कार्य, शहरी गरीबों के लिए आवास, घर-घर पेयजल उपलब्ध कराने की दिशा में बेहतर कदम उठाए जा रहे हैं। यह दो साल में किए गए कार्यों का ही परिणाम है कि नगरीय प्रशासन विभाग अंतर्गत योजनाओं और नागरिकों से जुड़ी सेवाओं में उल्लेखनीय कार्य करने पर पूरे देश में शहरी गवर्नेंस इंडेक्स-2020 रैंकिंग में छत्तीसगढ़ को तीसरा स्थान हासिल किया है।
नगरीय प्रशासन विभाग में नागरिकों से जुड़ी सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री वार्ड कार्यालय का संचालन प्रारंभ किया हैं। वर्तमान में 14 नगर निगम के 101 वार्डों में वार्ड कार्यालय संचालित है। इन कार्यालयों में 18285 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इनमें से 16305 का निराकरण भी कर दिया गया है। यहां आम नागरिकों की शिकायतों को प्राथमिकता के साथ निराकृत किया जा रहा है। मुख्यमंत्री वार्ड कार्यालय से घर के पास ही किसी समस्या को दूर करना आसान हो गया है। नागरिकों के लिए टोल फ्री नंबर निदान-1100 भी है। जिसमें फोन कर नगरीय निकायों से संबंधित किसी भी समस्या की शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। निदान के माध्यम से एक लाख से अधिक शिकायतों को निराकृत किया गया है। नागरिक के संतुष्ट होने के बाद ही शिकायतों को निराकृत माना जाता है। कार्य नहीं करने पर अधिकारियों पर जुर्माना भी लगाया जाता है।
छोटी-मोटी बीमारी से ग्रसित परिवार, मौसमी बीमारी सहित अन्य कारणों से बीमार होने पर अस्पताल नहीं जा सकने वालों के उपचार के लिए मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना प्रारंभ की गई है। पहले चरण में राज्य के 14 नगर निगमों में 60 मोबाइल मेडिकल यूनिट एंबुलेस के जरिए डाक्टरों की टीम सेवाएं प्रदान कर रही है। इस योजना से स्लम क्षेत्रों में स्वास्थ्य शिविर लगाकर निःशुल्क में परामर्श, उपचार, दवाइयां तथा खून,पेशाब, शुगर, बीपी विभिन्न प्रकार की जांच भी की जाती है। मुख्यमंत्री दाई-दीदी क्लीनिक भी इसी योजना की एक कड़ी है। जिसमें महिलाओं को महिला चिकित्सक और महिला स्वास्थ्य कर्मियों के माध्यम से निःशुल्क उपचार उनके ही घरों के आसपास ही मुहैया कराया गया है।
मोबाइल मेडिकल यूनिट गरीब बस्तियों में जाकर महिलाओं का उपचार कर रही है। गरीब परिवारों को किसी बीमारी का पता लगाने जांच में अधिक पैसे खर्च न करना पडे, इसके लिए पीपीपी आधार पर रियायती दरों में पैथोलॉजी एवं डायग्नोस्टिक्स सुविधा देने डॉ.राधाबाई डायग्नोस्टिक्स सेंटर प्रारंभ किए जा रहे हैं। पहले चरण में रायपुर, बिलासपुर, कोरबा, भिलाई एवं रायगढ़ में यह सेंटर प्रारंभ होगी। शासन की योजनाओं का लाभ नागरिकों को घर बैठे मिल सके इसके लिए मुख्यमंत्री मितान योजना प्रारंभ की जा रही है। इस योजना के माध्यम से सौ से अधिक शासकीय सेवाओं जैसे ड्राइविंग लाइसेंस,जाति प्रमाण पत्र,राशन कार्ड, बिजली बिल,पेंशन, राजस्व, जन्म प्रमाण पत्र,राजस्व अभिलेख आदि की सेवाएं घर पहुंचाई जाएगी। मुख्यमंत्री मितान योजना के माध्यम से 8 से 10 हजार युवाओं को रोजगार भी मिलेगा।
शासन द्वारा पेयजल संकट वाले इलाकों को टैंकर मुक्त शहर बनाने की पहल शुरु की गई है। सभी नगरीय निकायों में गर्मी के दिनों में उत्पन्न होने वाली पेयजल संकट को दूर करने 20 करोड़ की राशि जारी की गई है। 4 नगर निगमों, 43 नगर परिषदों एवं 109 नगर पंचायतों में जलप्रदाय योजना शुरु की गई है। 2023 तक अनेक परियोजनायें भी पूरी हो जाएगी। अब तक 62 शहरी स्थानीय निकायों को टैंकर मुक्त बनाया गया है। रायपुर शहर हेतु अमृत योजना अंतर्गत वृहद पेयजल आवर्धन योजना 212 करोड़ रुपए की तत्काल स्वीकृति दी गई है।
शासन द्वारा मोर जमीन मोर मकान योजना की समीक्षा लगातार की जा रही है और हितग्राहियों को लाभान्वित किया जा रहा है। इस योजना से अभी तक 74365 हितग्राहियों का आवास पूर्ण हो गया है। किफायती आवास योजना-मोर मकान मोर चिन्हारी अंतर्गत 1782.83 करोड़ की लागत से 48326 नवीन आवासों को स्वीकृति देकर कार्य प्रारंभ किया गया है। भूमिहीन व्यक्तियों को भूमि धारण का अधिकार प्रदान करने हेतु अधिनियम लाया गया है। 19 नवंबर 2018 के पूर्व काबिज कब्जा धारकों को भू-स्वामित्व अधिकार प्रदान किया जाएगा। इसमें ऐसे व्यक्ति भी लाभान्वित होंगे जिन्हें पूर्व में पट्टा प्रदान किया गया था परंतु नवीनीकरण प्रावधानों के अभाव में वह भूमि का उपभोग नहीं कर पा रहे थे। इस निर्णय में राज्य के लगभग दो लाख से अधिक शहरी गरीब परिवार सीधे लाभान्वित होंगे तथा उन्हें 'मोर जमीन मोर मकान' योजना में 2.5 लाख तक वित्तीय सहायता प्रदान की जा सकेगी। अवैध अनियमित हस्तांतरण भूमि प्रायोजन में परिवर्तन प्रकरण में नियमानुसार भूमि स्वामी अधिकार दिया गया। अतिरिक्त कब्जे की स्थिति में निकाय श्रेणी अनुसार 900 से 1500 वर्गफीट तक नियमतिकरण की सुविधा दी गई है। कालातीत पट्टों का 30 वर्षों हेतु नवीनीकरण की मान्यता दी गई है।
स्थानीय छत्तीसगढ़ी संस्कृति एवं विलुप्त होती हुई स्थानीय परंपरा को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से समस्त 166 नगरीय निकायों में पौनी-पसारी योजना प्रारंभ की गई है। पौनी पसारी योजना में प्रति इकाई 30 लाख की लागत से, कुल 255 पौनी-पसारी बाजारों का विकास किया जाएगा जिससे इस परंपरा से संबंधित 12240 परिवारों के लिए रोजगार के नवीन अवसरों का सृजन होगा। इस योजना में विकसित बाजारों में चबूतरा प्रति दिवस मात्र 10 रुपए के मान से व्यवसाय हेतु उपलब्ध कराया जाएगा। चलित ठेले व्यावसायिओं को वार्डों के प्रमुख स्थान पर वेंडिंग जोन चिन्हांकित कर व्यवसाय हेतु उचित स्थान दिया जाएगा।
छत्तीसगढ़ सरकार पर्यावरण संरक्षण हेतु प्रतिबद्ध है, सरकार बनते ही अमृत योजना अंतर्गत रायगढ एवं जगदलपुर शहर के सीवरेज मास्टर प्लान को स्वीकृति दी गई जिससे नदियों में मिल रहे नाले-नालियों के दूषित जल को ट्रीट किया जाएगा। राज्य में सेप्टिक टैंक से निकलने वाले मल के भी ट्रीटमेंट की व्यवस्था की जा रही है। 'नरवा गरुआ घुरवा बारी' कार्यक्रम के अंतर्गत वाटर रीचार्जिंग पर भी कार्य कर रही है। समस्त तालाबों एवं नदियों में प्रवाहित हो रहे जल के शुद्धीकरण हेत कार्य किए जा रहे हैं। समस्त भू-गर्भ आधारित जल स्त्रोतों को सतही स्त्रोत में परिवर्तित किए जाने का कार्य विभिन्न योजनाओं के माध्यम से प्रगति पर है। वी-वायर इंजेक्शन वेल के माध्यम से भू-जल की चार्जिंग हेत परियोजना तैयार की गयी है जिससे न केवल जल स्त्रोत सुदृढ होगें अपितु जल भराव की समस्या भी हल हो सकेगी। इसके साथ ही क्लीन खारुन योजना का क्रियान्वयन प्रारंभ किया गया है। स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 प्रतियोगिता में भारत सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ को प्रथम पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। इसके साथ ही प्रदेश के छोटे बड़े अनेक शहरों में राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त की है।
छत्तीसगढ़ में लागू मिशन क्लीन सिटी योजना का पृथकीकरण आधारित सॉलिड वेस्ड मैनेजमेंट मॉडल को ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा बेस्ट प्रैक्टिस निरूपित करते हुए अन्य राज्यों के लिए अनुकरणीय बताया है। इस योजना से प्रदेश में स्व-सहायता समूहों की 9 हजार से अधिक महिला सदस्यों को रोजगार का अवसर मिला वहीं इनकी कड़ी मेहनत का नतीजा है कि शहरी छत्तीसगढ़ ने स्वच्छ सर्वेक्षण 2019 एवम स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 में स्वच्छतम राज्य होने का दर्जा प्राप्त किया है। कोविड 19 के दौरान देशव्यापी लॉकडाउन के समय में भी इन महिलाओं ने बखूबी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर एक मिसाल कायम किया है। इन महिलाओं को अब गोधन न्याय योजना अंतर्गत खाद निर्माण की भी जिम्मेदारी दी गई है। इससे महिलाओं के आय में वृद्धि होगी। इस योजना के तहत एसएलआरएम सेंटर का उन्नयन करते हुए 377 गोधन न्याय सह गोबर खरीदी केंद्र का विकास नगरीय निकायों में किया जा रहा है। साथ ही इन केंद्रों के निकट ही नवीन गौठान बनाए जा रहे हैं । शहरी क्षेत्रों में गोबर विक्रेता के रूप में हितग्राहियों का पंजीयन किया गया है तथा हर 15 दिवस में इनके भुगतान की व्यवस्था की गई है।
नगरीय प्रशासन विभाग शहर के विकास के साथ नागरिकों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में कार्य कर रही है। इंदिरा गाँधी हरित अभियान के अंतर्गत शहरी क्षेत्रों में वृक्षारोपण, शहरी बाड़़ी एवं आक्सीजोन के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। जवाहर जिम योजना के माध्यम से सर्वसुविधायुक्त जिम की स्थापना की पहल की जा रही है। प्रत्येक निकाय के चिन्हित वार्डों में राजीव गाँधी ज्ञानोदय केंद्र स्थापित कर ऑनलाइन रीडिंग जोन तथा पठन पाठन हेतु वाचनालय की सुविधा देने तैयारी की जा रही है। शहर स्तर पर स्थानीय प्रतिभाओं एवं विभूतियों को सम्मान देने हेतु महात्मा गांधी शहरी सम्मान पुरस्कार जिसमे नगर भूषण अवार्ड, नगर शिक्षक अवार्ड, नगर हितैषी अवार्ड, नगर खिलाड़ी अवार्ड आदि प्रदान किए जाएंगे। शहर के प्रमुख तालाबों में धार्मिक कार्यक्रमों के लिए विसर्जन कुंड का निर्माण तथा घाटों में महिलाओं के लिए चेंजिंग रुम बनाए जाएंगे। नगरीय निकायों को शासन की ओर से प्रदान की जाने वाली चुंगी क्षतिपूर्ति की राशि में वृद्धि की जाएगीं राजधानी में आधुनिक स्तर की सुविधाओं में वृद्धि की जा रही है। जवाहर बाजार का उन्नयन किया गया है। ऐतिहासिक बूढ़ा तालाब की गंदगी को साफ कर सौंदर्यीकरण कर नया स्वरूप प्रदान किया गया है। मल्टी स्टोरी पार्किंग बनाई जा रही है। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग वर्तमान और भविष्य में नागरिकों की आवश्यकताओं को ध्यान रखकर योजना तैयार करने के साथ छत्तीसगढ़ के विकास में कदम बढ़ा रही है।