विशेष लेख: समन्वित विधाओं का समेकित रूप होगा बालोद का कला केंद्र

Update: 2022-09-21 08:26 GMT

ताराशंकर सिन्हा, सहा.जनसंपर्क अधिकारी

रायपुर। जिन विधाओं को सीखने और उनमें पारंगत होने के लिए नगर के युवाओं को बड़े शहरों की ओर रुख करना पड़ता था, अब वे सारी सुविधाएं युवाओं को स्थानीय स्तर पर सुलभ होगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज बालोद नगर के हृदय स्थल पर स्थित कला केंद्र का शुभांरभ किया और यहां विद्यार्थियों तथा युवाओं के साथ कुछ पल बिताया भी।

कला केन्द्र जैसी बहु उद्देशीय संस्था की यहां बहुत पहले की मांग थी, जो आज साकार हुआ। जिला प्रशासन ने युवाओं की मांग को दृष्टिगत करते हुए जिला खनिज न्यास निधि मद से 45 लाख 93 हजार रूपए की लागत से कला केन्द्र की कार्ययोजना बनाई और इसे अमलीजामा पहनाते हुए इसका निर्माण किया गया। नगर के तहसील चौक पर इसकी स्थापना की गई। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज भवन का शुभारम्भ किया तथा जिलावासियों को बधाई देते हुए उम्मीद जताई कि यहां के युवक-युवतियों और विद्यार्थियों को अपना भविष्य गढ़ने में बेहतर दिशा और प्लेटफॉर्म मिलेगा। कला केन्द्र के समन्वयक ने बताया कि वर्तमान परिवेश में रोजगार एवं व्यक्तित्व विकास वाली विभिन्न विधाओं पर आधारित पाठ्यक्रम संचालित किए जाएंगे।

ये पाठ्यक्रम होंगे संचालित -

इस संबंध में बताया कि यहां स्थानीय लोक संस्कृति एवं परम्पराओं को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से प्रशिक्षुओं को लोक संगीत सिखाया जाएगा। इसके अलावा बच्चों में गैर शैक्षणिक एवं व्यवसायोन्मुखी प्रतिभाओं को उभारने के उद्देश्य से व्यावसायिक पाठ्यक्रम के तौर पर मेहंदी, ड्राइंग, क्ले आर्ट एवं पेंटिंग की कक्षाएं संचालित की जाएंगी। इसी तरह व्यक्तित्व विकास पाठ्यक्रम के तहत बोलचाल में अंग्रेजी को शामिल करने के लिए स्पोकन इंग्लिश की शिक्षा दी जाएगी। साथ ही गिटार वादन, सेहत के लिए जुम्बा क्लासेस, सभी प्रकार के योगा, पाककला के लिए कुकिंग क्लासेस, संगीत में रूचि रखने वाले युवाओं के लिए ड्रम बीटिंग, गिटार एंड की बोर्ड क्लासेस एवं मिक्सिंग स्टूूडियो, भारतीय नृत्य विधाएं जैसे भरत नाट्यम, पाश्चात्य नृत्य में सालसा, हिपहॉप एवं बॉलीवुड डांस शैली का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके अलावा व्यक्तित्व विकास की कक्षाएं भी संचालित की जाएंगी। बताया गया है कि लोगों की मांग पर अन्य पाठ्यक्रमों को भी सम्मिलित किया जाएगा। इस प्रकार समन्वित विधाओं का समेकित रूप होगा कला केंद्र, जहां पर युवावर्ग अपने भीतर छिपी प्रतिभाओं को फर्श से अर्श तक पहुंचाने के लिए सही दिशा दे सकेंगे।

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