महात्मा गांधीजी की 150 वीं जयंती के अवसर पर 02 अक्टूबर 2019 से छत्तीसगढ़ में सार्वभौम पीडीएस का क्रियान्वयन किया जा रहा है। राज्य सरकार के इस कदम के बाद अब कोई भी व्यक्ति राशनकार्ड या राशन से वंचित नहीं रहेगा। प्रदेश के सभी परिवार अब राशनकार्ड हेतु पात्र हो गए हैं। सार्वभौम पीडीएस के अंतर्गत प्राथमिकता राशनकार्डो के खाद्यान्न पात्रता में वृद्धि की गई है, उन्हें अगस्त 2019 से बढ़ी हुई पात्रता के साथ राशन मिल रहा है। सार्वभौम पीडीएस लागू होने के बाद अब प्राथमिकता राशनकार्डो में एक सदस्यीय परिवार के लिए 10 किलो, 2 सदस्यीय परिवार के लिए 20 किलो, 3 से 5 सदस्यीय परिवार के लिए 35 किलो तथा 5 से अधिक सदस्य वाले परिवार के लिए 7 किलो प्रति सदस्य प्रति माह चावल एक रुपए प्रति किलो की दर से दिया जा रहा है।
नये पीडीएस के अंतर्गत सामान्य परिवारों (आयकरदाता एवं गैर आयकरदाता) को भी खाद्यान्न प्रदाय किया जा रहा है। सामान्य राशनकार्डों में 01 सदस्यीय परिवार के लिए 10 किलो, 2 सदस्यीय परिवार के लिए 20 किलो, 3 या 03 से अधिक सदस्यीय परिवार के लिए 35 किलो खाद्यान्न 10 रूपये प्रतिकिलो प्रतिमाह निर्धारित किया गया है। वर्तमान में 9.39 लाख सामान्य राशनकार्डधारी परिवारों को खाद्यान्न प्रदाय किया जा रहा है। राज्य में सार्वभौम पीडीएस के लागू होने के उपरांत राज्य की 97 प्रतिशत जनसंख्या को खाद्य सुरक्षा उपलब्ध कराई जा रही है। वर्तमान में कुल 67 लाख 10 हजार राशनकार्डों में पंजीकृत 2 करोड़ 48 लाख लोगों को खाद्यान्न वितरण किया जा रहा है। विगत 2 वर्ष के दौरान राज्य में लगभग 11 लाख 15 हजार नवीन राशनकार्ड जारी किए गए तथा 5 लाख 52 हजार नवीन सदस्यों के नाम राशनकार्डों में जोड़े गए हैं।
राज्य सरकार ने खाद्य सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण सामाजिक क्षेत्र के विषय पर अधिक राशि के व्यय का निर्णय लिया है, ताकि प्रदेश के सभी परिवारों को खाद्य सुरक्षा उपलब्ध करायी जा सके। पिछले वित्तीय वर्ष 2019-20 में इसके लिए 4,000 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया । चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 में 3409 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। बस्तर संभाग के निवासियों में आयरन की कमी दूर करने के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत 6 लाख 71 हजार अंत्योदय, प्राथमिकता, अन्नपूर्णा, एकल निराश्रित एवं निःशक्तजन राशनकार्डधारियों को जनवरी 2020 से प्रतिमाह रियायती दर 17 रूपये प्रति किलो पर 02 किलो गुड़ प्रदाय किया जा रहा है। प्रदेश में पंजीकृत 471 संस्थाओं में 43 हजार 640 हितग्राहियों को राज्य शासन द्वारा स्वयं के व्यय से चावल दिया जा रहा है। अनुदान प्राप्त एवं निजी आश्रम-छात्रावास एवं कल्याणकारी संस्थाओं को अक्टूबर 2019 से खाद्यान्न प्रदाय किया जा रहा है। गौरतलब है कि भारत सरकार द्वारा अप्रैल 2019 से अनुदान प्राप्त एवं निजी आश्रम-छात्रावास एवं कल्याणकारी संस्थाओं हेतु खाद्यान्न का आबंटन बंद कर दिया गया है। राज्य के अनुसूचित क्षेत्रों एवं माडा क्षेत्र के अंत्योदय एवं प्राथमिकता परिवारों के भोजन में प्रोटीन की कमी पूरा करने हेतु रियायती दर 5 रूपये प्रतिकिलो की दर पर प्रतिमाह 2 किलो चना प्रदाय किया जा रहा है। वर्तमान में लगभग 25 लाख अन्त्योदय एवं प्राथमिकता राशनकार्डधारी परिवार को लाभान्वित किया जा रहा है।