एसपी साहब ने दिया संवेदनशील पुलिस अधिकारी होने का परिचय, जेल में बंद दंपति के बच्चो को लेकर पहुंचे बालिका गृह

Update: 2021-08-29 12:13 GMT

कोरबा। पुलिस अधीक्षक कोरबा भोजराम पटेल ने जेल में सजा काट रहे बंदी के नाबालिग बच्चों को उचित संरक्षण के लिए बालिका गृह में भेजकर एक बार फिर से संवेदनशील पुलिस अधिकारी होने का परिचय दिया है। बालिका गृह के डायरेक्टर के साथ बालिका गृह का निरीक्षण कर बालिका गृह में रह रही बालिकाओं को शिक्षक बनकर पढ़ाया और सम्मानजनक जीवन जीने के संबंध में नैतिक शिक्षा दी। साथ ही बालिकाओं का कुशलक्षेम पूछकर उनकी आवश्यकताओं की पूर्ति करने का आश्वासन दिया।

पुलिस अधीक्षक कोरबा भोजराम पटेल को सूचना मिला था कि न्यू रेलवे कॉलोनी निवासी एक परिवार के माता-पिता को धोखाधड़ी के प्रकरण में 3 वर्ष की सजा हुई है। जो जेल में सजा काट रहे हैं, जिनके पांच नाबालिग बच्चे है। घर में संरक्षक न होने से उनके जीवनयापन एवं संरक्षण का गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है। पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल द्वारा उपरोक्त सूचना पर अपने मातहतों को भेजकर जानकारी लिया गया, जो पाया गया कि न्यू रेल्वे कॉलोनी निवासी एक परिवार में पति-पत्नी दोनों को 3 वर्ष की सजा हुई है। दंपति के कुल 6 संतान है,जिसमें एक लड़का और पांच लड़कियां है। सबसे बड़ी लड़की बालिक है,जो रायपुर में किसी कंपनी में प्राईवेट जॉब करती है। हॉस्टल में रहती है, उसके पास सभी बच्चों को अपने साथ रखने की सुविधा नहीं है। इनका भाई करीब 17 वर्ष का है, जो अपने मौसा के साथ रहना चाहता है, किन्तु शेष 4 नाबालिग बच्चियों के उचित संरक्षण एवं देखभाल की व्यवस्था नहीं है। पुलिस अधीक्षक ने मामले में विशेष रूचि लेते हुए सभी नाबालिग बालिकाओं को बाल कल्याण समिति कोरबा के समक्ष प्रस्तुत कराकर बालिका गृह कोरबा में रहने का प्रबंध कराया। नाबालिग बालिकाओं को स्वयं साथ लेकर बालिका गृह कोरबा पहुंचे। बालिका गृह कोरबा की डायरेक्टर रूकमणी नायर को बालिकाओं के उचित देखरेख एवं संरक्षण के निर्देश दिए।

पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल ने बालिका गृह की डायरेक्टर रुकमणी नायर के साथ बालिका गृह का निरीक्षण कर वहां निवासरत् सभी बालिकाओं से मिलकर उनका हाल-चाल जाना। बालिकाओं के शिक्षा एवं वहाँ रहने के प्रबंध के संबंध में विस्तृत जानकारी ली गई। भोजराम पटेल ने बालिकाओं को पढ़ाया। बालिकाओं से उनकी आवश्यकताओं के बारे में पूछे जाने पर कुछ बालिकाओं ने स्पोर्ट्स किट, स्पोर्ट्स शू की मांग की, एक बालिका ने सिलाई मशीन की मांग की, बालिका गृह की डायरेक्टर ने लाइट बंद होने की स्थिति में अंधेरा होने के बारे में बताकर एक इनवर्टर की आवश्यकता होना बताया, जिसे पुलिस अधीक्षक ने अतिशीघ्र उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल को अपने बीच पाकर बालिकाएं काफी खुश हुई और पुलिस अधीक्षक के पद तक पहुंचने के लिए किये गये संघर्ष के बारे में पूछा। भोजराम पटेल ने जीवन में किए गए संघर्षो के बारे में बालिकाओं को विस्तृत तौर पर जानकारी देकर उन्हें भी लगातार संघर्ष करते हुए सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ने की सलाह दी गई।

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