रायपुर। कृषि विभाग द्वारा आगामी खरीफ सीजन में फसलों की बुआई को लेकर लक्ष्य का निर्धारण कर दिया गया है। खरीफ सीजन 2022 में कुल 48 लाख 20 हजार हेक्टेयर में विभिन्न प्रकार फसलों की बुआई होगी, जो कि बीते खरीफ सीजन 2021 की तुलना में लगभग 55 हजार हेक्टेयर अधिक है। खरीफ सीजन 2022 के बुआई लक्ष्य निर्धारण में सबसे उल्लेखनीय बात यह है कि धान के रकबे में बीते खरीफ सीजन के तुलना में 5 लाख 35 हजार हेक्टेयर की कमी कर दी गई है, जबकि मक्का के रकबे में लगभग एक लाख हेक्टेयर तथा कोदो, कुटकी और रागी के रकबे में लगभग 66 हजार हेक्टेयर की बढ़ोत्तरी की गई है। धान के रकबे को घटाने के साथ ही कृषि विभाग ने दलहन-तिलहन एवं अन्य फसलों के बुआई रकबे में बीत साल की तुलना में लगभग पौने तीन लाख हेक्टेयर की बढ़ोत्तरी का लक्ष्य रखा है।
कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार खरीफ सीजन 2021 में राज्य में 47 हजार 65 हजार 190 हेक्टेयर में खरीफ फसलों की बुआई हुई थी। खरीफ सीजन 2022 में इस लक्ष्य को लगभग 55 हजार हेक्टेयर बढ़ाकर 48 लाख 20 हजार हेक्टेयर कर दिया गया है। बीते खरीफ सीजन में राज्य में 38 लाख 99 हजार 340 हेक्टेयर में धान की बोनी हुई थी, खरीफ सीजन 2022में इस लक्ष्य को घटाकर 33 लाख 64 हजार 500 हेक्टेयर कर दिया गया है। यानि धान के रकबे में 5 लाख 35 हजार हेक्टेयर की कमी लाने का लक्ष्य विभाग ने रखा है। खरीफ सीजन 2022 में मक्का की बुआई 3 लाख 14 हजार हेक्टेयर में होगी, जबकि बीते वर्ष राज्य में 2 लाख 5 हजार हेक्टेयर में मक्का लगाया गया है। कोदो कुटकी और रागी का रकबा भी 82 हजार हेक्टेयर से बढ़ाकर एक लाख 47 हजार हेक्टेयर किया गया है। इस प्रकार राज्य में मोटे अनाज का रकबा भी 2 लाख 88 हजार हेक्टेयर से बढ़ाकर 4 लाख 60 हजार हेक्टेयर किया गया है। दलहनी फसलों का रकबा 4 लाख 48 हजार हेक्टेयर निर्धारित किया गया है, जबकि बीते खरीफ सीजन में 2 लाख 77 हजार हेक्टेयर में दलहनी फसलों की खेती की गई थी। इसी तरह तिलहनी फसलों के रकबे में एक लाख की बढ़ोत्तरी करते हुए इनका रकबा दो लाख 67 हजार 700 हेक्टेयर कर दिया गया है। खरीफ 2021 में राज्य में एक लाख 66 हजार 670 हेक्टेयर में तिलहनी फसलें लगाई गई थी, अन्य खरीफ फसलों के रकबे में लगभग डेढ़ लाख हेक्टेयर की बढ़ोत्तरी की गई हैै। खरीफ 2022 में अन्य खरीफ फसलें दो लाख 83 हजार हेक्टेयर में लगाए जाने का लक्ष्य है, जबकि बीते खरीफ सीजन में इनकी बोनी का रकबा एक लाख 33 हजार हेक्टेयर था।