समर्थन मूल्य में फसल बेचने का हक मिलने से पप्पू के चेहरे पर दिखी मुस्कान

Update: 2022-12-08 09:18 GMT

नारायणपुर। छत्तीसगढ़ राज्य का अबूझमाड़ क्षेत्र घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देशानुसार इस क्षेत्र के ऐसे किसान जो खेती-किसानी का काम तो करते थे, लेकिन उनकी भूमि का वैद्य दस्तावेज न होने के कारण वे शासन की योजनाओं का लाभ नहीं ले पा रहे थे। लेकिन प्रदेश के मुखिया श्री भूपेश बघेल ने इन आदिवासी किसानों की तकलीफ को सफझा और इन किसानों को मसाहती सर्वे के आधार पर इन्हें इनके द्वारा काबिज जमीन का मालिकाना हक प्रदान करने मसाहती सर्वे कराया और इन्हें इनकी जमीन का मालिकाना हक दिया। अब जिला प्रशासन इन गांवों में पहुंच कर इन किसानों को शासन की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं-कार्यक्रमों से लाभान्वित कर रहा है। वर्तमान धान खरीदी सीजन में अबूझमाड़ के 2 हजार 193 किसान मसाहती खसरा मिलने के बाद इस बार पहली बार धान बेचेंगे। ऐसे किसानों से मसाहती सर्वे के आधार पर शासन द्वारा समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी की जा रही है।

मसाहती सर्वे से प्राप्त पटटा के आधार पर धान खरीदी केन्द्र में धान का विक्रय करने आये ग्राम कंदाड़ी के युवा आदिवासी किसान पप्पू पोटाई से बात करने पर उसने बताया कि लगभग साढ़े 3 एकड़ खेत में उसने इस बार धान की फसल लगायी थी। इस वर्श अच्छी बारिश होने की वजह से उसकी फसल भी अच्छी हुई है। उसने लगभग 32 क्विंटल धान का विक्रय करने आया है, पप्पू को टोकन कटवाने में भी कोई दिक्कत नही हुआ। फसल बेचने का हक मिलने से पप्पू के चेहरे पर मुस्कान देखने को मिल रही है। पूर्व वर्शों में वह धान की फसल लेता था, किन्तु सरकारी दस्तावेज नहीं होने के कारण वह धान खरीदी केन्द्र में अपने धान का विक्रय नहीं कर पाता था, मजबूरन उसे बिचौलियों को अपनी फसल आधी कीमत पर बेचनी पड़ती थी। पप्पू पोटाई ने बताया कि ग्राम के समीप धान खरीदी केन्द्र खुल जाने से आसपास के किसानों को काफी सुविधा हो रही है। वहीं मसाहती पट्टा मिलने से अब उन्हें शासन की योजनाओं का लाभ भी मिलने लगा है। उसने बताया कि मनरेगा के तहत् उसके खेत में डबरी निर्माण व भूमि समतलीकरण का कार्य किया गया है। साथ ही कृशि विभाग द्वारा खाद एवं बीज भी प्रदान किया गया है। पप्पू पोटाई ने यह भी बताया कि धान विक्रय करने से प्राप्त होने वाली राशि का उपयोग वह अपने खेत के चारों ओर फेसिंग और बोर करवाना चाहता है, जिससे वह अलग-अलग फसल ले सकें। मसाहती पट्टा प्रदान करने और क्षेत्र में धान खरीदी केन्द्र प्रारंभ करने के लिए वह प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को आदिवासी किसानों की ओर से धन्यवाद भी दे रहा है।

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