ग्रामीण क्षेत्रो में रूरल इंडस्ट्रियल पार्क स्थापित होने से हुनर को मिल रही नई पहचान

छग

Update: 2023-06-22 17:56 GMT
कोरबा। छत्तीसगढ़ शासन की सराहनीय नवाचार ग्रामीण औद्योगिक पार्क के अंतर्गत लघु उद्यम को बढ़ावा देने हेतु ग्रामीण क्षेत्रों में सशक्त अधोसंरचना का निर्माण किया गया है। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की तस्वीर बदल रही है। रीपा ग्रामीणों के लिए उद्योग विकास एवं व्यवसाय का प्रमुख केंद्र बन गया है, जिससे लाभ लेकर ग्रामीण युवा उद्यमी अपने आर्थिक विकास के साथ ही ग्रामीण विकास में भी भूमिका निभा रहे हैं। कोरबा विकासखंड के ग्राम चिर्रा में स्थापित रीपा से यहां के ग्रामीणों को आजीविका एवं रोजगार सृजन के नए अवसर मिले है। यहां रीपा में गेहूं, चना दाल मिल यूनिट, हल्दी, मिर्च, मसाला प्रोसेसिंग यूनिट, आचार निर्माण, दोना पत्तल, चप्पल निर्माण, गोबर पेंट, पेवर ब्लॉक, फ्लाईऐश ब्रिक्स निर्माण के यूनिट स्थापित किए गए है। साथ ही यहां लोगों के कार्य करने के लिए विभिन्न शेड भी निर्मित किए गए हैं। ऊर्जा एवं उत्साह से भरपूर ग्रामीण महिलाएं एवं लघु उद्यमी रीपा से जुड़कर यहां कार्य कर अपने हुनर को नई पहचान दे रहे है।
खेती-किसानी, रोजी मजदूरी एवं अपने घरेलू कार्याे में समय व्यतीत करने वाले इन उद्यमी महिलाओं के पास कुछ समय पूर्व अपने रोजमर्रा आवश्यकताओ की पूर्ति के लिए कोई अतिरिक्त आजीविका का साधन नहीं था। अब गांव में ही रूरल इंडस्ट्रियल पार्क प्रारंभ होने से उन्हें अपने घर के पास ही नियमित रोजगार का जरिया मिल गया है। चिर्रा में स्थापित ग्रामीण औद्योगिक पार्क में चंद्रमुखी समूह द्वारा अच्छी गुणवत्तायुक्त फ्लाई एश ब्रिक्स का निर्माण किया जा रहा है। फ्लाईऐश ब्रिक्स यूनिट के माध्यम से महिला समूह के साथ ही अन्य ग्रामीणों को भी रोजगार मिला है। प्रारंभिक स्तर पर कार्य प्रारंभ करते हुए उत्साही समूह के युवा व महिलाओं द्वारा नियमित तौर पर ईंट निर्माण का कार्य किया जा रहा है। समूह के सदस्यों द्वारा प्रतिदिन 4 से 5 हजार नग ईंट का निर्माण किया जा रहा है। मुख्य सड़क मार्ग से लगे इस रीपा में ईंट निर्माण के कार्य को देखकर आसपास के गांव के लोगों द्वारा अपनी आवश्यकता अनुसार समूह को ईंट का आर्डर दे रहे हैं।
चिर्रा से लगे कुदमुरा, एलोंग, तौलीपाली, सिमकेंदा, गुरमा के ग्रामीणों द्वारा अब तक 70 हजार से अधिक का फ्लाई एश ब्रिक्स का आर्डर दिया गया है। जिसकी विक्रय से 02 लाख रूपए से अधिक की आय समूह को प्राप्त होगी। जिसका उपयोग शासकीय भवन तथा अन्य निर्माण के लिए किया जाएगा। समूह की महिलाओं ने बताया प्रारंभिक स्तर पर ही शासकीय एवं निजी निर्माण कार्यों में उनके ईंट की लगातार मांग की जा रही है। जिसके विक्रय से समूह को अच्छी आमदनी प्राप्त होगी और वे आर्थिक रूप से मजबूत एवं सक्षम बनेंगी। उन्होंने बताया कि विगत दिनों निर्मित 20 हजार फ्लाई ऐश ब्रिक्स का अमलडीहा पंचायत द्वारा क्रय किया गया है, जिससे समूह कों 60 हजार रूपए की आय प्राप्त हुई है। यह ऑर्डर निर्माणकर्ता समूह की महिलाओं को स्वयं के प्रयास से प्राप्त हुआ है। ईंट निर्माण की अच्छी मांग मिलने से उत्पादक दीदी व युवा भाईयों में उत्साह के साथ आत्मविश्वास का संचार हो रहा है और वे अधिक उमंग के साथ ईंट निर्माण कर रहे हैं।
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