बीजापुर। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा वनभूमि पर वर्षों से काबिज काश्त करने वाले लोगो को काबिज वन भूमि का मालिकाना हक प्रदान करने की महत्वाकांक्षी वनाधिकार पट्टा प्रदाय योजना जिले के बीजापुर तहसील अंतर्गत जैतालुर निवासी किसान सीताराम मांझी के परिवार के लिए खुशहाली लेकर आया है। जैतालुर के लघु-सीमांत कृषक सीताराम मांझी वन भूमि में काबिज काश्त जमीन का वनाधिकार पट्टा देने की राज्य सरकार की उक्त योजना की सराहना करते हुए बताते हैं कि इस जमीन पर करीब 30 वर्षों से कबिज होने के बाद भी उन्हे हमेशा बेदखली का डर बना रहता था। लेकिन राज्य सरकार के संवेदनशील निर्णय के फलस्वरूप उसे इस जमीन का वनाधिकार पट्टा मिलने पर उनका और उनके परिवार का वर्षों पुराना सपना साकार हो गया। सीताराम से अभी हाल ही में उनके खेत में भेंट होने पर उन्होंने बताया कि वनभूमि में सालों से काबिज होकर खेती - किसानी करने के कारण इस जमीन से उनका भावनात्मक लगाव हो गया था।
चूंकि समीप में ही उनकी 3 एकड़ पैतृक कृषि भूमि है और इससे लगी वन भूमि पर खेती करना उनके लिए सहूलियत भरा था। राज्य सरकार के निर्णय के फलस्वरूप उन्हे 0.810 हेक्टेयर लगभग 2 एकड़ जमीन का वनाधिकार पट्टा मिलना एक बड़ी मुराद पूरा होने जैसा है। जिससे इस जमीन पर उनका परिवार धान के अलावा उड़द-कुल्थी जैसे दलहन का भी उत्पादन कर रहा है। अपनी पैतृक खेती जमीन के साथ ही इस भूमि पर खेती-किसानी के फलस्वरूप अब उसके 10 सदस्यीय परिवार के भरण-पोषण हेतु पर्याप्त खाद्यान का उत्पादन हो रहा है। सीताराम ने बताया कि इस वर्ष उन्होने 40 क्विंटल धान लेम्पस सोसायटी में बेचा था, उस दौरान उक्त बेचे गये धान की 74 हजार 720 रूपये राशि बैंक खाते में जमा हो गयी थी। वहीं राज्य सरकार की राजीव गांधी किसान न्याय योजनान्तर्गत 2500 रूपये समर्थन मूल्य पर शेष अंतर की राशि देने के निर्णय लेने के फलस्वरूप उन्हे अब तक दो किश्तों में 12 हजार 640 रूपये सीधे बैंक खाते के जरिये प्राप्त हुई है। सीताराम अब अपने वनाधिकार पट्टे की जमीन पर किसान समृद्धि योजना की सहायता से नलकूप खनन करवाने सहित सौर सुजला योजनान्तर्गत सोलर सिंचाई पंम्प स्थापित कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि अतिशीघ्र उक्त खेती जमीन पर तार फेसिंग कर खेती में साग सब्जी का उत्पादन करेंगे। जिससे अतिरिक्त आमदनी होगी। सीताराम काबिज काश्त वन भूमि का वनाधिकार पट्टा देने के लिए राज्य सरकार के प्रति कृतज्ञता प्रकट करते हुुए बताते हैं कि अब तो इस खेती जमीन से परिवार को खुशहाली की ओर अग्रसर करने के लिए पूरी मेहनत एवं लगन के साथ खेती-किसानी करेंगें।