दिखा कलेजा और भरोसे का दम, भूपेश के मुरीद हुए बड़े नेता

Update: 2023-02-28 05:49 GMT

राष्ट्रीय अधिवेशन के सफल आयोजन ने बढ़ाया कद...

मर्दानानेता की अमिट छाप, भूपेश की ऐसी बनी धाक।

कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता भूपेश के हुए कायल।

देश के सभी दिग्गज नेताओं के सामने अपना दमखम और विश्वास के साथ राष्ट्रीय अधिवेशन को बखूबी अंजाम देना महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त करने जैसा।

अपने विरोधियों को जमकर पटखनी देते हुए आत्म विश्वास और कलेजे का ईमानदारी के साथ प्रदर्शन किया।

जब-जब कांग्रेस अधिवेशन की बात होगी रायपुर अधिवेशन का जिक्र होगा और बरसो तक कांग्रेसियों के जुबान पर भूपेश बघेल का नाम आता रहेगा।

रायपुर (जसेरि)। अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने अपने 85 वें पूर्ण राष्ट्रीय अधिवेशन का आयोजन नवा रायपुर में किया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जिस हिम्मत और हौसले के साथ आयोजन को अति सफल बनाया उससे वरिष्ठ नेताओं सहित तमाम कांग्रेसी उसके मुरिद हो गए और तारीफ में कसीदे गढ़े। भूपेश बघेल ने अधिवेशन का सफल आयोजन कर न सिर्फ मिसाल पेश की बल्कि एक साहसी, कद्दावर और दमखम वाले नेता के रूप में स्वयं की पहचान भी बनाई। आमतौर पर राजनीतिक दल अपने शासित राज्यों में ही पार्टी का अधिवेशन करती है। इसी तर्ज पर पहले राजस्थान और अब छत्तीसगढ़ में पार्टी ने राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित की। आईसीसी की बैठक में अधिवेशन की जगह और तारीख तय होने के साथ ही मुख्यमंत्री और प्रदेश संगठन ने राष्ट्रीय नेताओं के मार्गदर्शन में तैयारियां शुरू कर दी थी। इसके लिए सभी मंत्रियों और सभी मोर्चा, संगठनों के पदाधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई। उन्होंने संसाधन की भी कमी नहीं होने दी और कांग्रेस नेताओं के स्वागत और आतिथ्य में पलक पावड़े बिछा दिए। भूपेश बघेल ने दिन रात मेहनत कर छत्तीसगढ़ मॉडल को जन विकास का माध्यम बनाने में कोई कसर बाकी नहीं रखी। अधिवेशन में बड़े नेताओं ने छत्तीसगढ़ माडल की न सिर्फ तारीफ की बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ सरकार की कई योजनाओं को लागू करने की बात कहकर भूपेश बघेल की पीठ भी थपथपाई।

नवा रायपुर में अधिवेशन के सफल आयोजन के बाद कांग्रेस में गांधी परिवार के बाद भूपेश बघेल का कद सबसे ऊपर हो गया है। अधिवेशन के बाद कई राष्ट्रीय नेताओं के मुंह से यही बात निकल रही थी। राहुल-प्रियंका सहित सोनिया गांधी ने भी मंच से ही भूपेश की मुक्त कंठ से प्रशंसा की। यह दिखाता है कि पार्टी में भूपेश का कौन सा मुकाम है। रहा सवाल भूपेश के राजनीतिक दुश्मनों की तो उन्हें पार्टी फोरम में ही आवाज उठाने का मौका तक नहीं मिलता। विपक्ष के आलोचनाओं और अपने नेताओं के खिलाफ ईडी की जांच से बिना विचलित हुए जिस तरह भूपेश बघेल ने अधिवेशन को सफल बनाया और एक मेगा सभा करके जिस तरह सरकार लोकप्रियता साबित की उससे वे कांग्रेस के बड़े नेता और सफल मुख्यमंत्री के रूप में खुद को साबित करने में कामयाब रहे। बल्कि इस अधिवेशन की सफलता ने भूपेश बघेल का कलेजा, दम और भरोसा सबकुछ दिखा दिया। इस सफल आयोजन से छत्तीसगढ़ में सत्ता और संगठन में अपने विरोधियों को चित्त कर भूपेश बघेल ने आने वाले चुनाव में अपना नेतृत्व बरकरार रखते हुए पुन: सत्तासीन होने के लिए कील ठोंक दिया है।

लड़ो और जीतो का संकल्प लेकर चुनाव मैदान में उतरने का संकल्प : भूपेश ने अधिवेशन के बाद आयोजित सभा में कार्यकर्ताओं को लड़ो और जीतो का संकल्प लेकर चुनाव मैदान में उतरने का संदेश भी दे दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार छत्तीसगढ़ी स्वाभिमान और संस्कृति को बचाने का काम कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब लड़ेेंगे-जीतेंगे से बढक़र मैं लड़ो और जीतो का संकल्प ले रहा हूं। मुख्यमंत्री बघेल अधिवेशन की सफलता पर राष्ट्रीय अध्यक्ष से मिली बधाई में अपने मंत्रिमंडल के साथियों और कार्यकर्ताओं को श्रेय देने से भी पीछे नहीं रहे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष खरगे ने महाधिवेशन आयोजन की ऐतिहासिक सफलता के लिए मुझे बधाई दी है। इस बधाई के बराबरी के हकदार मंत्रिमंडल के मेरे साथी, विधायक-सांसद और सभी कार्यकर्ता भी हैं।

उन्होंने सभी को बधाई देते हुए कहा कि आने वाले समय के लिए हमें इसी तरह तैयार रहना है। उन्होंने 85वें महाधिवेशन में हिस्सा लेने आए सभी नेताओं, प्रतिनिधियों का ह्रदय से आभार भी व्यक्त किया। साथ ही कहा कि यदि कहीं कोई कमी रह गई हो तो आप सबकी शिकायतों और सुझावों को विनम्रता से स्वीकार करता हूं। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि आम जनता के हक और अधिकार की लड़ाई कांग्रेस लड़ रही है। कांग्रेस सबको साथ लेकर चलती है। मजदूर, नौजवान, किसान सबके लिए छत्तीसगढ़ की सरकार काम कर रही है। भूपेश बघेल ने कहा कि राष्ट्रीय महाधिवेशन शांतिपूर्ण और संपन्न हुआ। सारे हमारे राष्ट्रीय नेता आए थे। छत्तीसगढ़ का जो अपनापन और प्रेम है, उसको लेकर पूरे देशभर में गए हैं। मैं सभी साथियों को धन्यवाद देना चाहता हूं। पूरे अधिवेशन को अच्छे ढंग से संचालित किया उनको बहुत-बहुत बधाई। यह अधिवेशन पहली बार हुआ है। छत्तीसगढ़ के लिए यह गर्व का विषय है।

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