निर्धारित दर से अधिक दर पर बेच रहे है दुकानदार

Update: 2022-07-02 05:51 GMT
  1. प्रदेश में सब्जी, राशन और पशु आहार की हो रही कालाबाजारी
  2. दुकानों में रेट लिस्ट नहीं होने से अधिक दामों पर लेना मजबूरी
  3. एक ही सामान का अलग-अलग दुकानों में रेट भी अलग
  4. कड़ाई नहीं होने से अधिक दामों में लेना मजबूरी, पशुपालक परेशान

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। संसदीय सचिव और पश्चिम विधायक को डेयरी व्यवसाय में हो रहे कालाबाज़ारी एवं पशु आहार के रेट में मनमाने वृद्धि पर रोकथाम हेतु दुग्ध डेयरी संघ ने ज्ञापन सौंपा। संघ के सदस्यों ने बताया कि पशु आहार का कोई रेट फिक्स नहीं है। छोटे डेयरी व्यवसायियों को चिल्हर के नाम पर अधिक दाम पर पशु आहार बेचा जा रहा है। यह भी बताया गया कि शासन द्वारा यदि कोई सामने की दर में कमी की जाती है तो दुकानदार कोई सुचना खरीदारों को नहीं देते और पुराने बढ़ी हुई दर पर ही बेचते हैं। एक ही सामग्री का अलग अलग दुकानों में भिन्न भिन्न रेट लेकर बेचा जाता है। मिलावट भी पशु आहार में की जाती है डेयरी वयवसायियो ने बताया की चना खल्ली में रेत मिला दिया जाता है जो पशुधन के मौत का कारण भी बनता है। पशु आहार का शुद्धता जांचने का भी कोई पैमाना नहीं होने के कारण इसमें सड़े हुए गुड़ को भी मिला कर बेचा जा रहा है।

संघ की मांग : संघ ने प्रशासन से मांग की है कि डेयरी वालों को सीधे मिल से खरीदी पर छूट मिलना चाहिए साथ ही मिल में रेट लिस्ट भी लगा होना चाहिए। रोज का भाव भी अपडेट किया जाना चाहिए। बिल बनाकर भी नहीं दिया जा रहा है। पशु चिकित्सक नियमित रूप से गौठानों एवं डेयरी फार्मो के पषुधनो की जाँच करें ताकि मौसम जनित बीमारी से पशुधन ग्रसित न हों। पशु पलकों को लोन भी आसानी से उपलब्ध हों। संघ के अशोक शर्मा,राजेश यादव,कृष्णा नायक, लक्षमण यादव,रघुनाथ यदु,बिशात यदु,बल्लू यादव,पवन यदु,ईश्वर यदु,चरियाराम यदु,भारत यदु,श्रीराम यदु,महादेव यादव, सुनील यदु,सतीश यादव, पीताम्बर यादव,भुसन यदु,गजानंद यदु,राजा गौली, सालिक भाऊ, उमेश यदु,राहुल साहू, विश्वनाथ यदु,और राकेश यादव सहित काफी संख्या में डेयरी से जुड़े लोग शामिल हैं। राजधानी और उसके आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में चावल-दाल जैसी राशन सामग्रियों और सब्जियों के दाम बढऩे तथा उनकी कालाबाजारी एवं जमाखोरी की जमकर चर्चा है। हालांकि प्रशासन और खाद्य विभाग का स्पष्ट आदेश होता है कि किसी भी दुकानदार द्वारा अधिक दाम में चीजों की बिक्री की सूचना मिलने पर संबंधित विक्रेता के विरूद्ध विधिसम्मत प्रकरण तैयार कर कार्यवाही सुनिश्चित किया जाय। उसके बावजूद व्यापारी अधिक दरों पर सामान बेच रहे हैं । अमूल दूध, देवभोग दूध सहित अन्य सामान जिसे फ्रिज में रखा जाता है उसका भी व्यापारी एक रूपये एक्सट्रा चार्ज करते हैं। यदि कोई दुकानदार, संस्थान आवश्यक वस्तुओं को एमआरपी से अधिक दाम में बेचते हुए पाया जाता हैं तो उसके विरूद्ध भारतीय दंड संहिता 1860 के तहत कड़ी कानूनी कार्यवाही का प्रावधान है उसके बावजूद एमआरपी से अधिक कीमतों पर सामन बेच रहे हैं। खाद्य विभाग का खौफ ख़त्म हो चूका है इन व्यापारियों में।

तहसील और ग्राम स्तर पर हो निगरानी

दवाई, फल, सब्जी, राशन, दूध, पशु चारा सही दाम पर तथा आवश्यक मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित कराने और इसकी निगरानी के लिए प्रशासनिक अधिकारियों एवं सेक्टर ऑफिसर्स की जिम्मेदारी है की वे बारीकी से मॉनिटरिंग कर आम जनता को कालाबाजारियों द्वारा अधिक दर पर सामन बेचने पर अंकुश लगाए। तहसीलों और ग्राम स्तर में भी आवश्यक वस्तुओं की कालाबाजारी रोकने आवश्यकतानुसार क्षेत्रों का भ्रमण करके सघन निगरानी करनी चाहिए।साथ ही हर दिन दुकानों पर जाकर आवश्यक वस्तु-सामग्रीयों के अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) और स्टॉक की जानकारी लेंगे। ग्राहकों से भी रेट और सामग्री की क्वालिटी के बारे में फीड बैक भी लेंगे तब जाकर कालाबाजारियों से छुटकारा मिल पायेगा।

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