मारुति प्लांट में हुआ शॉकप ब्लास्ट, मजदूर की दर्दनाक मौत

छग

Update: 2022-12-07 16:42 GMT
धरसीवां। औद्योगिक क्षेत्र सिलतरा की फैक्ट्रियों में हादसे थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. बुधावर को एक और श्रमिक लापरवाही की भेंट चढ़ गया. हालांकि, धरसीवां टीआई और सिलतरा चौकी प्रभारी को घटना की कोई सूचना अब तक नहीं है. दरअसल, नाम नहीं छापने की शर्त पर एक श्रमिक ने बताया कि मृतक शोएब में 39 झारखंड के पलामू जिले का निवासी था सुबह 6 बजे की शिफ्ट में काम करने आया था. भट्टी में कबाड़ में गलाया जा रहा था. कबाड़ के साथ आया एक शॉकप भी भट्टी में डालने से वह ब्लास्ट हो गया और उसका गर्म लोहा छिटककर शोएब की कनपटी के पीछे से गर्दन में घुस गया. घटना के बाद उसे रायपुर अस्पताल ले गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया. जानकारी के मुताबिक, मृतक शोएब के पिता का बहुत समय पहले निधन हो चुका है. पिता की मृत्यु के बाद वृद्ध मां पत्नी और 6 साल की एक बच्ची का खर्च चलाने मृतक मेहनत मजदूरी कर घर पैसे भेजता था. उसका पूरा परिवार झारखंड के पलामू जिले के एक गांव में रहता है.
टीआई बोले नहीं मिली कोई सूचना
धरसीवां टीआई शिवेंद्र सिंह राजपूत से जब इस घटना के बारे में जानकारी मांगी गई तो उन्होंने बताया कि पुलिस को अब तक ऐसी किसी भी घटना की कोई सूचना नहीं मिली है. इधर धरसीवां थाने की पुलिस चौकी सिलतरा के प्रभृ प्रियेश जॉन से उनके मोबाइल पर संपर्क करने पर उन्होंने बताया कि उन्हें अब तक कोई सूचना नहीं मिली है.
पोस्टमार्ट्म के बाद शव गांव रवाना
इस मामले में लेबर ठेकेदार एके सिंह ने बताया कि घटना सुबह साढ़े सात बजे हुई. स्थानीय पुलिस थाना धरसीवां को उन्होंने सूचना दी है. रायपुर में पोस्टमार्ट्म के बाद मृतक का शव उनके गांव के लिए रवाना किया गया है. इस मामले को लेकर श्रमिक नेता राजसिंह हाड़ा ने कहा कि, क्षेत्र के अधिकांश उद्योगों में स्वस्थ्य एवं सुरक्षा की अनदेखी के चलते आए दिन हादसे होते हैं और गरीब श्रमिक अपनी जान गंवाते हैं. उन्होंने कहा कि परिचितों के माध्यम से उन्हें भी ज्ञात हुआ है कि कबाड़ में आया शॉकव भट्टी में जाने से ब्लॉस्ट हुआ और गर्म लोहा छिटककर उसकी गर्दन में पीछे जा घुसा, जिसके कारण उसकी मृत्यु हुई. ऐंसी घटनाओं के बाद सबसे पहले स्थानीय पुलिस को सूचना देना चाहिए, ताकि पुलिस घटनास्थल का मुआयना कर घटना के कारणों का खुलासा करे. लेकिन जानबूझकर स्थानीय पुलिस को तत्काल सूचना नहीं देते, ताकि मौके से साक्ष्य मिटाए जा सकें.
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