रायपुर। सामुदायिक भवन में कब्जा के मामले को लेकर पूर्व नगरीय प्रशासन मंत्री शिव कुमार डहरिया ने अपनी सफाई दी है. उन्होंने कहा, यह एमआईसी से ही स्वीकृत हुआ है. महापौर के दस्तखत भी हुए हैं. सरकारी जमीन पर नहीं बनाया गया है. जमीन सोसायटी की है. मुद्दा है कि अगर महापौर ने जमीन की स्वीकृति दी है तो वो सोसायटी कैसे बन गई। सोसायटी के जरिए समिति के पास दिया गया है. महापौर और एमआईसी ने प्रस्ताव पारित करके दिया है. और भी संस्थाओं को दिया गया है. पूर्व मंत्री डहरिया ने कहा, विधानसभा के बाद लोकसभा चुनाव होने वाला है. इसे देखते हुए यदि टारगेट किया जा रहा है तो कोई दिक्कत नहीं है। इस मामले में नगर निगम की ओर से नोटिस जारी करने पर डहरिया ने कहा, इसमें क्या बात है।
जो देता है वह नोटिस भी जारी कर सकता है. समिति को यदि खाली करने कहा जाएगा तो खाली कर दिया जाएगा. बार-बार लग रहे आरोपों पर उन्होंने कहा, जो भी अनुसूचित जाति, जनजाति के लोग अच्छा काम करते हैं उनको इस तरह से निशाना बनाया जाता है। सामुदायिक भवन में कितने कार्यक्रम हुए हैं, इस सवाल पर पूर्व मंत्री ने कहा, इसकी मेरे को जानकारी नहीं है. इतना पता है कि वहां शादी समेत अन्य कार्यक्रम होते हैं. एमआईसी का फ़ैसला पर्याप्त होता है. यह फ़ैसला ही आवंटन लेटर है. सभी समाज को सामुदायिक भवन दिया जाता. यहां भी दिया गया है. निगम और स्मार्ट सिटी के द्वारा किए गए करोड़ों ख़र्च को लेकर पूर्व मंत्री डहरिया ने कहा, अन्य समाजों को भी सामुदायिक भवन दिया जाता है. लग्ज़री व्यवस्था के सवाल पर उन्होंने कहा, सरकार ने पैसा दिया. इसमें कोई गलत नहीं है।