जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रायगढ़। जंगली सुअर के शिकार मामले में सात आरोपियों को वन विभाग ने दबिश देकर गिरफ्तार किया। बीती रात रायगढ़ रेंज प्रभारी को मुखबिर से सूचना मिली कि चक्रधरपुर क्षेत्र में जंगली सुअर का शिकार किया जा रहा है। इसके बाद तत्काल डीएफओ के निर्देशन में वन अमला की एक टीम बनाई गई और चक्रधरपुर क्षेत्र में दबिश दी गई। यहां मुखबिर की सूचना के आधार पर ड्राइवर बाड़ी में जांच किया गया। जहां खून के धब्बे, मांस काटने के निशान, मांस खाने के उपरांत हड्डी और पास के कुंए में दो बोरी जंगली सुअर के पेट के भीतर के अवशेष, दांत और चमड़ी पाया गया।
इसके बाद संदेह के आधार पर चक्रधरपुर का रहने वाला त्रिलोचन माली,गिरधारी प्रधान, कुष्टो पाव, वासु, जोगेंद्र, कमल माली और विनोद उंराव से पूछताछ किया गया। जिन्होंने जंगली सुअर का शिकार कर उसे मारकर पकाकर खाने का अपराध स्वीकार किया। इसके बाद मामले में सभी आरोपियों के खिलाफ अपराध कायम किया गया और न्यायालय में पेश किया जा रहा है।
उक्त प्रकरण में प्रभारी रेन्जर छोटेलाल डनसेना, बंगुरसिया सर्किल प्रभारी ऋषिकेश्वर सिदार, जामगांव सर्किल प्रभारी मधुसूदन बरिया, विजय ठाकुर, पालू साहू, शंकरलाल वारेन, संजय कुमार, भूषण जांगड़े और अन्य वनकर्मियों की सराहनीय भूमिका रही।
पहले भी मिली थी शिकार की सूचना
रायगढ़ वनपरिक्षेत्र के कई जंगल काफी संवेदनशील हैं और वन्यप्राणियों की मौजूदगी होने के कारण शिकारी भी सक्रिय हैं। प्रभारी रेन्जर ने बताया कि पहले भी चक्रधरपुर क्षेत्र में दो बार शिकार की सूचना मिली, लेकिन प्रमाण नहीं मिल पाया था। फिलहाल आज जंगली सुअर के शिकार मामले में सात लोगों को पकड़ा गया है। ऐसे में लगातर शिकारियों पर नजर रखने की और वन अपराध घटित न हो सके इसके लिए कसावट लाना जरूरी हो गया है। रेंजर ने बताया कि बंगुरसिया सर्किल के चक्रधरपुर क्षेत्र में जंगली सुअर के शिकार के शिकार मामले में सात आरोपियों को पकड़ा गया है। जंगलों में शिकार रोकने नियमित मॉनिटरिंग की जा रही है और कोई किसी भी शिकारी को बख्शा नहीं जाएगा।