यूनियन बैंक ब्रांच में कैशियर समेत सात कर्मचारी निलंबित, ये है बड़ी वजह
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रायपुर: राजधानी के प्रियदर्शिनी नगर स्थित यूनियन बैंक ब्रांच में कैशियर समेत सात कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई बैंक की विजिलेंस टीम ने किया है। टीम बैंक में हुए साढ़े पांच करोड़ के घोटाले की जांच कर रही है। इस मामले में विजिलेंस टीम एक-एक कर्मचारी से कड़ाई से पूछताछ कर रही है। बताया जा रहा है कि निलंबित किए गए कर्मचारी आरोपी बैंक कैशियर किशन बघेल के साथ कार्यरत थे।
जानकारी के अनुसार, कैशियर किशन बघेल सूदखोरी का काम करता था और यह रकम उसने गबन से ही प्राप्त किया था। किशन ने अपने सातों कर्जदारों के खाते भी अपनी ही शाखा में खुलवाएं थे। उनका पासबुक, एटीएम भी अपने कब्जे में लिया था।
किशन मूल रूप से खरियार रोड निवासी बताया जा रहा है। यहां स्वयं का मकान है और पत्नी, तीन बच्चे और भाई-बहन हैं। सभी खातेदार कम पढ़े-लिखे व कामकाजी हैं। यह समय-समय पर किशन से उधार लेते रहते थे। पुलिस का कहना है कि आरोपित कैशियर के पकड़े जाने के बाद घोटाले के इस मामले में और भी कई लोगों के नाम सामने आ सकते हैं।
जांच के दौरान यह पाया गया है कि सात खातों में 25 मार्च 2022 को बड़ी मात्रा में नकदी जमा की गई। इन जमा पर्चियों में जमाकर्ता के हस्ताक्षर भी नहीं है। जिन पर्चियों में हस्ताक्षर हैं,वे मिल नहीं रहे हैं। जांच के दौरान कैशियर किशन बघेल व अन्य खाताधारकों द्वारा फर्जीवाड़ा कर राशि का ट्रांसफर किया गया है।
बैंक द्वारा की गई शिकायत में बताया गया है कि 24 मार्च 2022 को नकदी राशि 4 करोड़ 80 लाख 58 हजार 988 रुपये थी, जो 25 मार्च को बढ़कर 6 करोड़ 23 लाख 10 हजार 663 रुपये हो गई। वहीं, सिक्कों के रूप में 24 मार्च को राशि 3 करोड़ 46 लाख 59 हजार 338 रुपये थी, जो 25 मार्च को बढ़कर 5 करोड़ 61 लाख 10 हजार 333 रुपये हो गई। इस प्रकार एक ही दिन में 2 करोड़ 14 लाख 50 हजार 995 रुपये के सिक्कों के रूप में बढ़ोतरी हुई।
बताया जा रहा है कि शाखा प्रबंधक द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी में जगन्नााथ नगर गुरू गोविंद सिंह वार्ड निवासी किशन बघेल को दोषी बताया गया है। किशन बघेल 31 अगस्त 2017 से मुख्य कैशियर व क्लर्क के पद पर कार्यरत हैं। 25 मार्च के बाद से कैशियर ड्यूटी से भी गायब है।
पुरानी बस्ती सीएसपी राजेश चौधरी ने कहा, बैंक के सात खाताधारकों को बुलाकर पूछताछ की गई तो पता चला कि उनके खाते खुलवाए गए थे लेकिन उनके पासबुक, एटीएम कार्ड कैशियर ने खुद रख लिए थे। उन्हें इसके बदले कुछ पैसे दिए गए थे। मामले की जांच की जा रही है।