बिलासपुर। बिलासपुर सेंट्रल जेल में बंद युवक की संदिग्ध मौत के बाद मृतक के स्वजनों ने आरोप लगाया है कि आबकारी विभाग के एक इंस्पेक्टर ने झूठे केस में फंसाकर छोटे लाल यादव को जेल भेजा था। जबकि उसके पास से शराब मिली ही नहीं थी, जहां उसकी मौत हो गई। रविवार को मृतक के स्वजनों ने पचपेड़ी थाने में वर्मा के खिलाफ शिकायत की है।
मस्तूरी के चिल्हाटी के रहने वाले दिलहरण यादव पिता चैतू राम यादव ने अपनी शिकायत में बताया कि उनके छोटे भाई चैतू लाल यादव के घर में 10 मई की सुबह आठ बजे आबकारी विभाग के इंस्पेक्टर समेत 15 सिपाही घुस गए। सभी कमरे की तलाशी ली, लेकिन शराब नहीं मिली। इसके बाजवूद आबकारी इंस्पेक्टर ने जबरन शराब बेचते हो कहते हुए धक्का मारते हुए चैतू को साथ ले गए। अपने कब्जे में लेकर इंस्पेक्टर ने उसके साथ जमकर मारपीट की। जबरन 20 लीटर शराब के साथ गिरफ्तार करने का झूठी केस बनाकर उसे जेल भेज दिया था।
मारपीट से अंदरूनी रूप से गंभीर चोट आई थी। इसके चलते चैतू की मौत हो गई। स्वजनों ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। सेंट्रल जेल प्रबंधन ने शव को सिम्स के मोर्चरी में सुरक्षित रखा है । इस मामले की न्यायिक दंडाधिकारी जांच होगी। आज शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा।