छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना का अध्ययन करने पहुंचे राजस्थान के वरिष्ठ अधिकारी
रायपुर। जैविक खेती को बढ़ावा देने, ग्रामीण एवं शहरी स्तर पर रोजगार के नए अवसरों का निर्माण करने, गो-पालन एवं गो-सुरक्षा को बढ़ावा देने के साथ ही पशुपालकों को आर्थिक रूप से लाभान्वित करने के उद्देश्य से संचालित छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना के अध्ययन के लिए राजस्थान सरकार के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी आज नया रायपुर मंत्रालय महानदी भवन पहुंचे। मंत्रालय में कृषि एवं जैव प्रौद्योगिकी विभाग की सचिव डॉ. एम.गीता, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव श्री आर. प्रसन्ना और गोधन न्याय योजना के नोडल अधिकारी एवं विशेष सचिव डॉ. एस. भारतीदासन ने राजस्थान के वरिष्ठ अधिकारियों को योजना के संचालन के विषय में विस्तार से जानकारी दी।
राजस्थान से पहुंचे वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों में सचिव पंचायती राज विभाग श्रीमती मंजू राजपाल, सचिव पशुपालन विभाग डॉ. आरूषि मलिक, निदेशक स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण श्री विश्वमोहन शर्मा, मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद डूंगरपुर डॉ. अंजली राजोरिया, जिला परिषद जोधपुर श्री इंद्रजीत यादव, जिला परिषद जयपुर श्रीमती पूजा कुमारी पार्थ, जिला परिषद अलवर श्री जसमीत सिंह संधु, जिला परिषद झालावाढ़ श्रीनिधि बीटी, जिला परिषद पाली सुश्री श्वेता चौहान, जिला परिषद अजमेर श्री गौरव सैनी, जिला परिषद टोक डॉ. सौम्या झा, अतिरिक्त निदेशक गो-पालन विभाग डॉ. लाल सिंह, प्रभारी अधिकारी स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण श्री पराग चौधरी और राजस्थान सरकार गोबर-धन परियोजना के नोडल अधिकारी श्री विजय कुमार शर्मा शामिल है। राजस्थान के वरिष्ठ अधिकारी 16 जुलाई तक छत्तीसगढ़ में गोधन न्याय योजना के संचालन का अध्ययन करेंगे।
छत्तीसगढ़ में गोधन न्याय योजना की शुरूआत 20 जुलाई 2020 को हरेली उत्सव के दिन से की गयी है। योजना के तहत वर्तमान में 3726 गौठानों के माध्यम से 2 रूपए प्रतिकिलो की दर से ग्रामीणों तथा गोबर संग्रहकों से गोबर की खरीदी की जा रही है। योजना के तहत राज्य में एक लाख 92 हजार गोबर संग्राहक एवं पशुपालक लाभान्वित हो रहें है। खरीदे गए गोबर से स्व सहायता समूहों द्वारा वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण किया जा रहा है। 'गोधन वर्मी कम्पोस्ट' के नाम से 8 रूपए प्रतिकिलो की दर से इसका विक्रय समूह द्वारा किया जा रहा है। योजना के तहत अब तक लगभग 53 करोड़ रूपए का भुगतान गोबर संग्राहकों एवं स्व सहायता समूहों को किया जा चुका है। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत संचालित हो रहे गोबर-धन योजना के तहत अब तक राज्य में 277 बायो गैस संयंत्र स्थापित किए जा चुके है। इन संयंत्रों से 1295 परिवारों को बायो गैस का लाभ मिल रहा है।