रायपुर। प्रदेश भाजपा महामंत्री व छत्तीसगढ़ शासन के पूर्व शिक्षा मंत्री केदार कश्यप ने स्वामी आत्मानंद स्कूलों में स्टॉफ की कमी के कारण शिक्षा तथा शालेय व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित होने के लिए सीधे तौर पर मुख्यमंत्री और स्कूल शिक्षा मंत्री को जिम्मेदार बताते हुए कहा है कि ये स्कूल खोल रहे हैं। स्कूल खोले जाने चाहिए लेकिन इन स्कूलों के बेहतर संचालन के लिए व्यवस्था क्यों नहीं कर रहे। छत्तीसगढ़ की स्कूल शिक्षा का स्तर देश भर में निचले स्तर पर है। कांग्रेस सरकार के चार साल की यही उपलब्धि है। प्रदेश भाजपा महामंत्री पूर्व शिक्षामंत्री केदार कश्यप ने कहा कि भूपेश बघेल सरकार ने पहले से चल रहे सरकारी स्कूल बंद करके जो नए स्कूल खोल दिए हैं, उनका विरोध नहीं कर रहे बल्कि विरोध का विषय यह है कि बिना फंड के, बिना भवन के, बिना स्टॉफ के इन स्कूलों के संचालन का औचित्य क्या है?
प्रदेश भाजपा महामंत्री पूर्व शिक्षामंत्री केदार कश्यप ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने छत्तीसगढ़ की शिक्षा व्यवस्था चौपट कर राज्य के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है।स्वामी आत्मानंद स्कूल भी कांग्रेस सरकार की संस्कृति के तहत अव्यवस्था, धांधली और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए हैं। भर्ती घोटालों की शिकायत पूरे प्रदेश में सामने आ रहा है। आलम यह है कि वनांचल बगीचा के स्वामी आत्मानंद स्कूल में एक भी शिक्षक की भर्ती नहीं हो पाई। अंग्रेजी माध्यम के बच्चों को हिंदी माध्यम के शिक्षक पढ़ा रहे हैं।जबकि छैमाही परीक्षा सिर पर है। इसके अलावा शिक्षा विभाग रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है। पदोन्नति, तबादले और अधीक्षक भर्ती में सरेआम दुकानदारी की शिकायतों से एक भी जिला अछूता नहीं है। तीन साल में 40 हजार से अधिक बच्चे शिक्षा से दूरी बना चुके हैं। प्राथमिक शिक्षा के बाद के स्तर की शिक्षा सर्वाधिक प्रभावित हुई है। राज्य में साढ़े तेरह हजार से अधिक बच्चे मिडिल स्कूल छोड़ गए। यह छत्तीसगढ़ के शैक्षणिक विकास की बजाय पतन की स्थिति है। यह सरकार शिक्षा के क्षेत्र में भी कलाकारी दिखाने से बाज नहीं आ रही।