सावन की बारिश ने खोली पीडब्ल्यू विभाग की पोल, दो माह पहले हुआ डामरीकरण सड़क में हुवा गड्ढे ही गढ्ढे
छग
ख़ैरागढ़। नवगठित जिला बनने के बाद से ही खैरागढ़ जिला के लोकनिर्माण विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी अपने सुस्त तथा भ्रष्टाचार के कृत्यों को लेकर आये दिन मीडिया में सुर्खियां बटोरती ही रहती है। इनके कारनामों की यदि हम बात करें तो इन्होंने कुछ महीने ही पूर्व कागजों में ही लाखों रुपयों की फर्जी माप कर पेंच वर्क के नाम पर ठेकेदार को भुगतान कर दिया था। जिसकी जांच चलने की बात सबंधित विभाग के द्वारा बताई जा रही है। नए कलेक्टर ने पदभार ग्रहण करते ही शहर वाशियों की मांग पर यह निर्देश दिया था कि अमलीपारा चौंक से पिपरिया तक बनी सड़क का डामरीकरण किया जाए। फिर क्या था सबन्धित विभाग ने आनन-फानन में रातों - रात इसे लीपा पोती कर दिया गया। अब बारिश की हल्की फुंहारों से ही जिस सड़क की परतें ही उखड़ रही है। उसमें किस स्तर का गुणवत्ताहीन कार्य किया गया होगा। इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है।
हालांकि पीडब्लूडी के ई ई ललित वाल्टर तिर्की कहना है कि डामरीकरण में खर्च हुई राशि की जानकारी नहीं है। पूछने पर बताया कि मुझे ऐसे तो जानकारी नहीं है। मैं देखकर बता पाऊंगा। सड़क का डामरीकरण मात्र 2 माह पहले हुआ है। फिलहाल 13 लाख के गबन का आरोपी पीडब्लूडी के अधिकारियों ने अपनी कारगुजारियों को निरंतर जारी कर रखा है। जिसका जीता - जागता प्रमाण मुख्य सड़क की उखड़ती परतें एवं गड्ढे हैं। सबसे बुरा हाल नगरपालिका अध्यक्ष के घर के सामने की सड़क का है। यहाँ सड़क पर गड्ढे ही गड्ढे हैं। राहगीर गड्ढों की वजह से आये दिन गिर कर चोटिल हो रहे हैं। दुर्भाग्य है कि नगरपालिका अध्यक्ष शैलेन्द्र वर्मा के द्वारा बार बार शिकायत करने के पश्चात उक्त सड़क पर कामचलाऊ मलबा डाल दिया गया था। लेकिन हल्की सी बारिश में वह भी घुल कर मिल गया। इधर बारिश की बूंदों ने इतवारी बाज़ार में फिर से गड्ढे कर दिए हैं जिससे नासा की धरती की तर्ज पर गढ्ढे फिर से उभार आ गए हैं। सोचनीय है कि लाखों रुपये खर्च करने कब बाद भी गड्ढों पर कोई असर नहीं पड़ा है। उल्टा सड़कों पर गड्ढे होकर हादसों को न्यौता देने तैयार है। मामले को लेकर ई ई ललित वाल्टर तिर्की ने बताया कि बारिश हो रही है, सड़क सुधरवा लिया जाएगा । हालांकि सड़क क्यों उखड़ी इसका जवाब उनसे नहीं मिल पाया।