सरपंच संघ ने दिया धरना, मनरेगा राशि के भुगतान न होने पर किया हंगामा

छग

Update: 2022-10-22 09:50 GMT

डोंगरगढ़। छत्तीसढ़ में शासन द्वारा कई प्रकार की योजनाएं संचालित की जा रही हैं, जिसके कारण मनरेगा भुगतान को लेकर अक्सर समस्याएं आती हैं, एक बार फिर सरपंच संघ द्वारा जनपद पंचायत के पास धरना दिया गया है। पांच सरपंच आमरण अनशन पर बैठे हैं, वहीं अफसर इस मामले में कुछ कह नहीं रहे हैं। सरपंच संघ की माने तो पिछले ढाई वर्षों से ग्राम पंचायतों में विकास कार्यों को गति के लिए कई ग्राम पंचायतों के सरपंच कर्ज से मटेरियल लेकर शासन की योजनाओं के तहत निमार्ण कार्य करा रहे हैं जिसकी वहज से वे कर्ज में डूब गए हैं, लेकिन प्रशासन कोई ध्यान नहीं रहा है।

सरपंचों के अनुसार शासन की सबसे महत्वकांक्षी योजना नरवा गरवा घुरवा बाड़ी अंतर्गत गौठान निर्माण, धान खरीदी केंद्रों में चबूतरा निर्माण, नौनिहाल बच्चों के पढ़ाई हेतु आंगनवाड़ी भवन निर्माण, जल निकासी हेतु नाली निर्माण, दाह संस्कार हेतु मुक्तिधाम व प्रतीक्षालय, महिलाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए बकरी शेड, मुर्गी शेड, इत्यादि बहुत सारे निर्माण कार्य सरपंच अपनी जिम्मेदारी से मटेरियल खरीद कर निर्माण कार्यों को पूर्ण किए हैं और जिसकी वजह से अधिकतर सरपंच कर्ज में डूबे हुए हैं जिससे सरपंचों को मानसिक तनाव से रोजाना जूझना पड़ता है।

हते हैं कि आखिर कब तक ग्राम पंचायतों के मुखिया कहे जाने वाले सरपंच ऐसे ही कर्ज के बोझ में डूबे रहेंगे? शासन अक्तूबर 2022 में पूरे छत्तीसगढ़ में 150 करोड़ रुपए भुगतान किए हैं। किंतु जनपद पंचायत छुरिया के साथ सौतेला व्यवहार करते हुए 5 करोड़ 31 लाख रुपए में एक भी रुपए वेंडरों के खाते में नहीं डाला। जिससे समस्त सरपंच आक्रोशित होकर जनपद पंचायत छुरिया के गेट के पास धरना में बैठे हैं।


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