सरपंच-कलेक्टर ने नहीं सुनी बात, चंदा कर ग्रामीणों ने नालों को बनवाया
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गरियाबंद. जिला मुख्यालय से महज 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत छिंदौला के आश्रित ग्राम लोहार लारी में पिछले कई सालों से पीने के पानी की समस्या बनी हुई है. गांव में हो रही पानी की समस्या को लेकर लगातार ग्रामवासी सरपंच से लेकर कलेक्टर तक से गुहार लगा-लगाकर थक गए, जब कोई सुनवाई नहीं हुई तब जाकर ग्रामीणों ने आपस में ही चंदा जमा कर गांव के कुछ जगहों पर लगे हुए नालों से पीने के पानी की व्यवस्था की.
लोहार लहरी के ग्रामीणों ने बताया कि, पिछले लगभग 6 माह से गांव में नल जल योजना के तहत लगे नलों के केबल वायर और पंप जल जाने की वजह से पानी आना बंद हो गया था. जिसके चलते गांव के लोगों को एक से दो किलोमीटर तक पानी लाने के लिए सफर करना पड़ता था. गांव के नल खराब होने की शिकायत सरपंच से लेकर कलेक्टर के जन चौपाल में भी की. संबंधित विभाग के अधिकारियों से पत्राचार किया, मगर किसी तरह की कोई सुनवाई नहीं हुई. गांव में पानी की व्यवस्था नहीं होने के चलते महिलाओं और बच्चों को काफी तकलीफों का सामना करना पड़ रहा था, जिसके चलते सभी ग्रामीणों ने आपस में बैठकर निर्णय लिया और चंदा इकट्ठा कर कुछ नलों में पानी के लिए केबल-वायर की व्यवस्था की और पंप को बनवाया तब जाकर पिछले दो दिनों से गांव के कुछ नलों से पानी आना शुरू हुआ है.