सूखे तालाब पर सरपंच और एसडीएम की टेढ़ी नजर, राखड़ माफिया के साथ मिलकर कर रहे अवैध कार्य

Update: 2024-05-20 05:58 GMT

सक्ती/जांजगीर। गांव के वर्षों पुराने तालाब को सरपंच राखड़ से पटवा रहा है. इसके लिए बाकायदा एसडीएम से सरपंच ने अनुमति ली है. इस अनुमति के खिलाफ ग्रामीणों ने मोर्चा खोलते हुए कलेक्टर से एसडीएम की शिकायत की है.

सक्ती जिले के लोग इन दिनों राखड़ माफियाओं से काफी परेशान है. इसका एक नजारा देवरमाल गांव में देखने को मिल रहा है, जहां के सरपंच ने विकास कार्य के नाम पर गांव के तालाब को राखड़ माफिया के हाथ बेच दिया है. तालाब में अब तक सैकड़ों डंफर राखड डाला जा चुका है. अब जब मामला मीडिया में आया तो सरपंच प्रतिनिधि ने बताया कि एसडीएम केएस पैकरा से परमिशन लेकर तालाब को पाटा जा रहा है.

राखड़ के सौदागर से मिलकर गांव के सरपंच गांव की खाली पड़ी जमीन, नदी-नालों का सौदा कर मोटी रकम कमा रहे हैं. जानकार बताते हैं कि एक गाड़ी के पीछे सरपंचों को पांच सौ रुपए तक मिल रहा है, इसलिए गांव के सूखे पड़े तालाबों को सरपंच माफियाओं को सौंप रहे हैं. तालाब में गाड़ियों के गाड़ी राखड़ डालने के एवज में बैठे-बिठाए सरपंच को लाखों रुपए की कमाई हो जाती है.

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